क्या आप जानते हैं कि मोटे लोग सिनेमा हॉल में पॉपकॉर्न की खुशबू या फास्ट फूड के विज्ञापन से जल्दी आकर्षित क्यों होते हैं? एक स्टडी के मुताबिक, दिमाग की रासायनिक प्रक्रिया में अंतर होने के कारण ऐसा होता है.
शोध में पाया गया है कि मोटे लोगों के दिमाग में आदतें बनाने वाले क्षेत्र में डोपामाइन एक्टिविटी पतले लोगों की तुलना में ज्यादा तेज होती है. डोपामाइन एक न्यूरोट्रांसमीटर है, जो दिमाग के खुशी वाले केंद्रों को नियंत्रित करने में सहयोग देता है.
अमेरिका में नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ से लेखक केविन हाल ने बताया, 'भोजन चेतन की अपेक्षा अचेतन आदतों पर आधारित होता है, खास तौर से तब जब स्वादिष्ट भोजन के संकेत व्यावहारिक रूप से हर जगह मौजूद हों.'
स्टडी में मोटे शरीर वाली 43 महिलाओं और पुरुषों को शामिल किया गया. अध्ययन में शामिल लोगों को एक तरह के खाने, सोने और गतिविधियों की दिनचर्या रखी गई. ज्यादा खाने की प्रवृत्ति का निर्धारण सवालों की लंबी लिस्ट के जरिए किया गया. पोजीट्रॉन एमेशिसन टोमोग्राफी (PET) स्कैन से दिमाग की उन जगहों की पड़ताल की गई, जहां डोपामाइन प्रतिक्रिया कर सकता था. यह अध्ययन 'मॉलिक्यूलर साइकेट्री' में प्रकाशित हुआ.