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बुजुर्गों की देखभाल करने वाले खुद को करते हैं बेहतर महसूस

इस धारणा के विपरीत कि बीमार व्यक्ति की देखभाल करने से तनाव और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि जो लोग सक्रिय रूप से बुजुर्गों या अपने बीमार संबंधियों की देखभाल करते हैं, वे खुद को बेहतर महसूस करते हैं.

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इस धारणा के विपरीत कि बीमार व्यक्ति की देखभाल करने से तनाव और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि जो लोग सक्रिय रूप से बुजुर्गों या अपने बीमार संबंधियों की देखभाल करते हैं, वे खुद को बेहतर महसूस करते हैं.

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यूनिवर्सिटी ऑफ बफैलो के अनुसंधानकर्ताओं की एक टीम ने पाया कि बीमार व्यक्ति की देखभाल करना एक तनावपूर्ण काम है, लेकिन यदि जीवनसाथी या अन्य बीमार प्रियजनों को खाना खिलाने, नहलाने और टॉयलेट कराने जैसी ‘सक्रिय देखभाल’ की जाए तो यह देखभाल करने वाले के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है.

अनुसंधानकर्ताओं ने अपने अध्ययन में ऐसे 73 लोगों को शामिल किया, जिन्होंने अपने जीवनसाथियों की देखभाल की और पाया कि जो लोग सक्रिय देखभाल में शामिल थे उनमें सकारात्मक भावनाएं अधिक और नकारात्मक भावनाएं कम पाई गईं.{mospagebreak}डेली मेल की खबर के अनुसार अध्ययन में यह भी पाया गया कि निष्क्रिय देखभाल करने वालों के मन में सकारात्मक की बजाय नकारात्मक भावनाएं अधिक होती हैं. अनुसंधान से जुड़े डॉ. पूलिन ने कहा ‘‘हमारा विश्लेषण सही-सही यह नहीं बताता कि कौन सी मनोवैज्ञानिक प्रक्रियाएं जिम्मेदार हैं, लेकिन हमारा मानना है कि सक्रिय देखभाल करने में हमारी व्यक्तिगत चिंता कम हो जाती है.’’

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