दांतों की अच्छी तरह सफाई करने से गठिया की बीमारी से बचा जा सकता है. शोध से सामने आया है कि मसूड़ों की बीमारी आगे चलकर गठिया का कारण बनती हैं और ज्यादा तकलीफ देती है.
कैन्टकी में हुए एक शोध से सामने आया है कि साफ दांत वालों को जोड़ों की बीमारी नहीं होती है. शोध के मुताबिक, जीवाणु से एक तरह का एन्जाइम निकलता है जो कि शरीर के शेष बचे प्रोटीन के साथ मिलकर रसायनिक परिवर्तन पैदा करता है. कैन्टकी के यूनिवर्सिटी ऑफ लुइसविले स्कूल और डेंटिस्ट्री के शोधकर्ताओं के मुताबिक, शरीर इन प्रोटीन को प्रतिरक्षा हमले के लिए बाहरी तत्वों के रूप में पहचानता है.
गठिया के रोगियों में बाद के परिणाम सूजन है जो कि हड्डियों को नुकसान पहुंचाता है. बैक्टीरिया पॉरफीरोमोनास जिंजीवैलिस एक अलग किस्म का एन्जाइम पेप्टीडिलारजिनाइन डिमिनैन्स (PAD) उत्पन्न करता है. शोध में पाया गया है कि यह PAD कुछ प्रोटीन के अवशेष को सिट्रूलाइन में बदल देता है और शरीर इन प्रोटीन को प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करने वाला बाहरी तत्व समझता है.
शोधकर्ता डॉ. जैन पोटेम्पा और उनकी टीम ने एक और ओरल बैक्टेरिया के बारे में प्रीवोटेला इंटरमीडिया शोध किया और पाया कि यह PAD को उत्पन्न नहीं करता है.
PLOS पैथोजेन्स में छपे अपने लिखे शोध पर डॉ. पोटेम्पा ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि इस शोध से रिमैटॉइड आर्थराइटिस के इलाज पर नई रोशनी डाली जा सकेगी. शोध इस ओर इशारा करता है कि दांतों की बीमारी से जूझने वाले लोगों को गठिया होने का खतरा रहता है.