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अगर DDLJ के शाहरुख से सीखा है कबूतरों को दाना डालना, तो अब ये भी जान लें...

कबूतरों को दाना डालना उन्हें अपने घर में पनाह देना कइयों को बहुत पसंद होता है. 'दिलवाले दल्हनिया ले जाएंगे' ने तो इसे बेहद पॉपुलर कर दिया था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे आपको फेफड़े की गंभीर बीमारी हो सकती है.

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कबूतरों के पास जाने से बीमारी हो सकती है...
कबूतरों के पास जाने से बीमारी हो सकती है...

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अक्सर मकान की छत, पार्क, मंदिरों व मस्जिदों के सामने अक्सर बड़ी संख्या में कबूतर दाना चुगते दिखते हैं. कई लोगों को बड़े चाव से उन्हें दाना डालते हुए भी देखा जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसा करने से आप बीमारी की चपेट में आ सकते हैं.

दिल्ली के वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट ने एक स्टडी में पाया है कि कबूतरों के पंख से निकलने वाली धूल मनुष्यों में अति संवेदनशील निमोनिया या बर्ड फैंसियर्स लंग की बीमारी बढ़ा रहे हैं.

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आपके घर से ही शुरू होती है ये बीमारीः
आपके घर में जहां एसी लगी होती है उसी जगह कबूतर अपना घर बना लेते हैं. छतों पर दाना चुगने के बाद वे वहीं बैठते हैं. फिर वहीं से उनके पंखों की धूल एसी के जरिए घर में चली जाती है.

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बहुत एलर्जी होती है इसमें:
इनके फेफड़ों की धूल में भारी मात्रा में एलर्जी के तत्व होते हैं, जिसके कारण फेफड़े सूजन का शिकार हो सकते हैं. सामान्य परिस्थिति में इसे डॉक्टर आम निमोनिया समझ लेते हैं जबकि यह बर्ड ड्रापिंग्स से होने वाली अतिसंवेदनशील निमोनिया या बर्ड फैंसियर्स लंग की बीमारी होती है. पिछले साल हुए स्टडी में यह बात सामने आई है कि जागरूकता न होने के कारण लोग इलाज में चार-चार साल तक की देरी भी कर देते हैं.

बचने के उपायः
इस बारे में डॉ.आराधना पाठक कहती हैं, पक्षियों के पंख से निकलने वाले छोटे अंश फेफड़ों को धीरे-धीरे जाम करते हैं जिससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. जो लोग इनके नजदीक रहते हैं उन्हें मास्क लगाकर रहना चाहिए. घर के आस-पास कबूतरों को दाना डालने से बचना चाहिए.

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