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लड़कियों को स्कूलों में आत्मरक्षा सिखाएगी दिल्ली सरकार

राजधानी दिल्ली में महिलाओं और बच्चियों के साथ बढ़ रहे अपराधों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने अपने सभी स्कूलों में लड़कियों को पढ़ाई के साथ आत्मरक्षा की ट्रेंनिंग देने का फैसला किया है. निर्भया केस के बाद महिलाओं की सुरक्षा को लेकर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाइकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को यह सुझाव दिया था.

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सभी स्कूलों में लड़कियों को पढ़ाई के साथ मिलेगी आत्मरक्षा की ट्रेंनिंग
सभी स्कूलों में लड़कियों को पढ़ाई के साथ मिलेगी आत्मरक्षा की ट्रेंनिंग

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राजधानी दिल्ली में महिलाओं और बच्चियों के साथ बढ़ रहे अपराधों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने अपने सभी स्कूलों में लड़कियों को पढ़ाई के साथ आत्मरक्षा की ट्रेंनिंग देने का फैसला किया है. निर्भया केस के बाद महिलाओं की सुरक्षा को लेकर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाइकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को यह सुझाव दिया था. कोर्ट के दिए सुझावों को स्वीकार करते हुए दिल्ली सरकार ने दोबारा हुई सुनवाई में कोर्ट को आश्वासन दिया कि अगले कुछ ही महीनों में सभी स्कूलों में लड़कियों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जाएगी.

दरअसल हाइकोर्ट ने महिलाओं की सुरक्षा मामले की सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा था कि 'क्या आत्मरक्षा को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जा सकता है?' कोर्ट ने यह राय दी कि इस तरह की आत्मरक्षा की ट्रेनिंग लड़कियों को और मजबूत करेगी. उसने ये भी सुझाव दिया कि इन लड़कियों को प्राथमिकता के साथ आत्मरक्षा पर विशेष तकनीक की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए. इसके अलावा हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को स्कूल के ही खर्च पर लड़कियों को पेपर स्प्रे मुहैया कराने का सुझाव दिया.

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इस पर दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि अगले कुछ महीनों में लड़कियों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग का काम शुरू कर दिया जाएगा. वकील ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया है. इस मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल भी कोर्ट में मौजूद थी. मालीवाल ने कोर्ट को बताया कि आत्मरक्षा के लिए इस तरह की ट्रेंनिंग खुद दिल्ली पुलिसकर्मी ही देते हैं, लेकिन उनकी संख्या बेहद कम है. इस पर कोर्ट ने सुझाव दिया कि इस काम में स्वयंसेवियों की भी मदद ली जा सकती है.

सुनवाई के दौरान दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) ने कोर्ट को बताया कि राजधानी में बलात्कार पीड़ित मुआवजा योजना में दिल्ली सरकार पूरा फंड उपलब्ध नहीं करवा रही है, जिससे पीड़ितों को मुआवजा देने में दिक्कत आ रही है. डीएसएलएसए के पास फंड की कमी के कारण 308 मामले लंबित है. हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फिलहाल डीएसएलएसए को आठ करोड़ रुपये तुरंत जारी करने के निर्देश दिए हैं.

राजधानी में पुलिसकर्मियों कि संख्या है कम
दिल्ली के महिला आयोग की अध्यक्ष ने हाईकोर्ट को बताया कि राजधानी में हर रोज बलात्कार की घटनाएं दर्ज होती हैं. लेकिन दिल्ली में अपराध की बढ़ती दर से निपटने के लिए पुलिसकर्मियों की संख्या काफी कम है. औसतन प्रति वर्ष रेप की 1500 से 1700 और हत्या की करीब 1000 वारदातें दिल्ली मे दर्ज होती है. दिल्ली मे फिलहाल 76000 पुलिसकर्मी है और राजधानी में पुलिस व्यवस्था में सुधार लाने के लिए 54482 और पुलिसकर्मियों कि जरूरत है. लेकिन गृह मंत्रालय ने केवल 14753 नए पदों की मंजूरी दी है.

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