वैज्ञानिकों का मानना है कि विशालकाय जीव डायनासोर हमारी हॉलीवुड फिल्मों में जितने बड़े दिखाए जाते हैं शायद उतने बड़े नहीं थे. अमेरिका के कोलोराडो विश्वविद्यालय में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि डायनासोर के वजन की माप करने वाला पहले बना सांख्यिकी मॉडल त्रुटिपूर्ण था.
मूल्यांकन तकनीक में खामी
उन्होंने कहा कि इस मॉडल में मूल्यांकन तकनीक में खामी होने के कारण डायनासोर को अपने मूल आकार से ज्यादा बड़ा करके दिखाया गया था. विश्वविद्यालय के गैरी पैकर्ड ने कहा पैलैन्टोलॉजिस्टों ने 25 सालों से विशालकाय डायनासोर और अन्य विलुप्तप्राय जीवों के वजन का पता लगाने के लिए प्रकाशित सांख्यिकी मॉडल का उपयोग किया.
कम वजन के ही थे डायनासोर
उन्होंने कहा हमने जब वास्तविक नमूने का पूनर्परीक्षण किया तो उसमें हमने बताया था कि सांख्यिकी मॉडल में गंभीर त्रुटियां थीं और विशालकाय डायनासोर जितना हम सोचते हैं उससे करीब आधे वजन के ही थे.
जूलॉजिकल सोसाइटी का खुलासा
पैकर्ड ने बताया कि उदाहरणस्वरूप डायनासोर प्रजाति का सबसे विशालकाय माना जाने वाला एपाटोसॉरस लौसिया का वजन पहले 38 टन बताया गया था. लेकिन इस मॉडल में संसोधन के बाद यह गिरकर शायद 18 टन का रह जाता है. गौरतलब है कि यह अध्ययन लंदन के जूलॉजिकल सोसाइटी के जर्नल में 21 जून के अंक में प्रकाशित हुआ था.