3-डी प्रिंटर से प्राप्त कोशिकाओं, उत्तकों या अंगों को एक दूसरे से जोड़ने में DNA एक गोंद का काम भी कर सकता है. इसकी मदद से प्रयोगशाला में उत्तकों तथा अंगों का विकास भी किया जा सकता है.एक शोध में यह बात सामने आई है.
ऑस्टिन स्थित टेक्सास विश्वविद्यालय में रसायन तथा जैवरसायन के प्रोफेसर एंर्डयू एलिंगटन के मुताबिक, 'डीएनए का इस्तेमाल कर शोधकर्ताओं ने उन सूक्ष्म वस्तुओं को सफलतापूर्वक व्यवस्थित किया, जिन्हें नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता.' शोधकर्ताओं ने डीएनए युक्त नैनोकणों का विकास किया है जो पॉलीस्टाइरिन या पॉलीएक्राइलामाइड से बने हैं.
डीएनए बाइंडिंग (एक प्रकार का प्रोटीन) इन नैनोकणों को एक दूसरे से जोड़ देता है, जिसके कारण एक जेल जैसी रचना का निर्माण होता है, जिसका 3 डी प्रिंटिंग में इस्तेमाल किया जा सकता है. शोधकर्ता इन जेल के आपस में जुड़ने की क्रियाओं पर भी नियंत्रण रख सकते हैं. इस शोध से जुड़े एक वैज्ञानिक ने कहा, 'इस प्रयोग से यह निष्कर्ष निकलता है कि मानव कोशिकाओं का विकास जेल के रूप में भी हो सकता है और किसी सामग्री द्वारा उत्तक बनाने की दिशा में यह पहला कदम है' यह निष्कर्ष पत्रिका 'एसीएस बायोमेटेरियल्स साइंस एंड इंजीनियरिंग' में प्रकाशित हुआ है.
- इनपुट IANS