अगर आपको पीठ दर्द की समस्या है तो इसे नजरअंदाज करना आपको भारी पड़ सकता है. एक रिसर्च में सामने आया है कि भारत में लोग पीठ दर्द की समस्या को अमूमन नजरअंदाज करते हैं और देर से डॉक्टर के पास जाते हैं. डॉक्टरों का मानना है कि शुरुआती शिकायत के बाद ही लोगों को डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए, नजरअंदाज करने पर यह समस्या गंभीर हो जाती है और आपके लिए परेशानी का सबब बन जाती है.
पीठ दर्द की समस्या को नजरंदाज करने की आपको भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है, क्योंकि हाल में हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि भारत के अधिकतर लोग पीठ दर्द को शुरुआती दिनों में नजरंदाज करते हैं और स्थिति गंभीर होने पर ही डॉक्टर के पास जाते हैं.
वर्ल्ड स्पाइन डे (16 अक्टूबर) पर डॉक्टरों ने कहा है कि पीठ दर्द होने पर दर्द दूर करने की दवा लेना इसका समाधान नहीं है. डायबिटीज की ही तरह पीठ का दर्द हमारे शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है तथा समय बीतने के साथ ही वह बेहद गंभीर होता चला जाता है.
क्यूआई स्पाइन क्लीनिक के निथिज अरेंजा ने कहा, ‘यह समझना जरूरी है कि पीठ का दर्द खतरे का संकेत है.’
अरेंजा ने कहा, ‘पीठ का दर्द गंभीर डॉक्टरी समस्या का संकेत हो सकता है, हालांकि यह मूल कारण नहीं हो सकता.’
करीब 7,968 मरीजों के डॉक्टरी जांच आंकड़ों के अध्ययन के बाद रिसर्चर्स इस नतीजे पर पहुंचे कि 56 फीसदी लोगों ने पीठ दर्द में डॉक्टरी मदद लेने में एक से डेढ़ महीने का समय लिया.
नतीजे के मुताबिक, पीठ दर्द के गंभीर होने का वर्ल्डवाइड ट्रेंड 20 फीसदी है, जबकि भारत में 56 फीसदी मरीज पीठ दर्द की समस्या के गंभीर स्थिति में पहुंचने के बाद डॉक्टरी सलाह के लिए पहुंचते हैं.