ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने शहद के इस्तेमाल से पैथोजेनिक फंगस को नष्ट करने की खोज की है. फंगस के संक्रमण से कई गंभीर बीमारियां होती हैं, जिसमें से कई जानलेवा होती हैं. हालांकि विभिन्न बीमारियों के इलाज में शहद का प्रयोग प्राचीन काल से ही किया जा रहा है.
दवाइयां बनाने में होगा शहद का प्रयोग
मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यह खोज की है. उन्होंने पाया कि फंगस पर शहद के बेहद कम मात्रा का भी काफी असर होता है. इससे भविष्य में फंगस से होने वाली बीमारियों के शिकार मरीजों के लिए नई दवाइयों का निर्माण किया जा सकेगा.
लाइलाज बीमारियों में कारगर
फंगस के कारण कई गंभीर बीमारियां होती है जो लंबे समय तक लाइलाज रहती है. मनुष्यों में पाए जाने वाले 60 से 80 फीसदी बीमारियां फंगस के कारण ही होती हैं.
शहद के प्रयोग को मिलेगा बढ़ावा
मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के शोध छात्र जैन हबीब अलहिन्दी ने बताया कि इस शोध में हमने शहद के चिकित्सीय गुणों की खोज की. इसमें हमने पाया कि कई फंगसरोधी दवाओं के मुकाबले शहद कहीं ज्यादा प्रभावी है. उन्होंने बताया कि इस शोध से फंगस संक्रमण की चिकित्सा में शहद के प्रयोग को लेकर कई सारे नए शोध को बढ़ावा मिलेगा.