कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही लोगों को बेचैनी होने लगती है. कई लोग इसे लाइलाज बीमारी के नाम से जानते हैं तो कुछ लोग इसे दर्दनाक मौत के रूप में.
कैंसर बीमारी से ज्यादा मौत के दूसरे पहलू की तरह देखा जाता है. किसी को कैंसर है मतलब अब उसकी जिंदगी के कुछ ही दिन बचे हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. हां कैंसर एक बड़ी बीमारी है लेकिन लाइलाज नहीं. इसलिए इसके बारे में पूरी जानकारी रखना जरूरी है न कि सुनी-सुनाई बातों पर विश्वास कर लेना.
कैंसर को लेकर कई तरह की बातें और मिथक लोगों में दहशत फैलाए हुए हैं. आइए जानें इससे जुड़े सच के
बारे में...
कैंसर मतलब मौत
इस तथ्य को गलत नहीं कह सकते लेकिन यह पूरी तरह सही भी नहीं है. अगर कैंसर को उसके शुरुआती दिनों में पहचान लिया जाए तो इसका इलाज संभव है. कैंसर कई प्रकार का होता है और इसलिए इसके इलाज की प्रक्रिया भी अलग होती है. लेकिन कैंसर लाइलाज बीमारी नहीं है.
इस बीमारी में शरीर पूरी तरह खराब हो जाता है
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के दूसरे अंगों पर भी प्रभाव डालती है. लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल नहीं हैं कि यह शरीर को खराब कर देता है. कैंसर के इलाज में मेडिकल साइंस काफी आगे आ चुका है जहां पर अब कीमोथेरपी और रेडियोथेरपी के जरिए मरीज की जिंदगी को और बेहतर बनाने का किया जा रहा हैं.
दर्द से होती है इस बीमारी की शुरुआत
कैंसर एक दर्द भरी बीमारी है लेकिन हर कैंसर की प्रकृति अलग होती है. कई बार तो कैंसर के लक्षण अपने शुरुआती दिनों में ही दिखने लगते हैं लेकिन हम उन्हें पहचान नहीं पाते, जैसे- बिना दर्द की गाठें या फिर किसी भी प्रकार का अल्सर होना. इसलिए शरीर से जुड़ी किसी भी तरह की दिक्कत को नजरंदाज न करें और समय-समय पर अपना चेकअप कराते रहें.
कैंसर छुआछूत की बीमारी है
कैंसर की बीमारी से जुड़ा यह सबसे बढ़ा मिथ है. कैंसर इंफेक्शन वाली बीमारी नहीं है. यह बीमारी हमारे शरीर में मौजूद सेल्स से होती है. यह कभी भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के छूने या संपर्क करने से नहीं फैलती. इसलिए कैंसर से पीडित इंसान को नॉर्मल जीवन जीने के लिए प्रेरित करें और उनकी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए उन्हें हर तरह से सपोर्ट करें.
कैंसर का इलाज संभव है
कैंसर का इलाज पूरी सावधानी और तरीके से करवाना चाहिए. किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले सारे टेस्ट और सभी मेडिकल जांच करवा लेना बहुत जरूरी होता है. कैंसर के इलाज की कोई भी वैकल्पिक दवा अभी तक नहीं आई है इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी उपचार शुरू न करें.
ट्यूमर से कैंसर होता है
ऐसा संभव है लेकिन जरूरी नहीं की हर ट्यूमर कैंसर का कारण हो. आजकल डॉक्टर बहुत ही सावधानी से इनका इलाज करते हैं ताकि ट्यूमर से कैंसर न बनने पाए.