सही समय पर ट्यूमर का पता लगाने के लिए जल्द ही ऑपरेशन थिएटर में चश्मे जैसा एक सस्ता और हल्का उपकरण उपलब्ध होगा. ऐसा शोधकर्ताओं द्वारा ड्यूअल मोड इमेजिंग तकनीक के विकास से संभव हो सका है. यह पहले से मौजूद सिंगल मोड इमेजिंग का उन्नत रूप है. किसी भी ट्यूमर को बाहर निकालने के पहले सर्जन को कैंसर ग्रस्त कोशिकाओं की स्थिति का ठीक-ठीक पता होना जरूरी होता है.
कैंसर कोशिकाओं का पता लगाने के लिए ड्यूअल मोड इमेजर इंफ्रारेड फ्लोरोसेंस के सामने दो तंत्रों को जोड़ता है और रिफ्लेक्ट विजिबल लाइट इमेजिंग की सहायता से उत्तकों को 25 मिलीमीटर के आकार के छोट-छोटे टुकड़ों में देखता है. अमेरिका की एरिजोना यूनिवर्सिटी के विजुअल साइंस के प्रोफेसर रॉन्गुआंग लींग कहते हैं, सिंगल की तुलना में ड्यूअल मोडालिटी बेहद उन्नत तकनीक है. इसके कई फायदे हैं.
अमेरिका के टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी के ब्रायन एप्लिगेट कहते हैं, ‘विभिन्न मोडालिटी को एक साथ जोड़कर उत्तक की बेहतर तस्वीर प्राप्त की जा सकती है. इससे सर्जन कैंसर ग्रस्त कोशिकाओं को चुन-चुनकर हटा सकता है.’
कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज के पहले उसके बारे में पूरी जानकारी हमें फ्लोरोसेंस इमेजिंग, विजुअल इमेजिंग और जैव रासायनिक द्वारा ही मिल पाती है. जांच निष्कर्ष ऑप्टिकल लेटर्स पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.