माता-पिता को लगातार यह चिंता सताती रहती है कि क्या खिलाने से उनका लाड़ले का दिमाग तेज होगा. एक ताजा शोध के मुताबिक किशोरावस्था में नियमित रूप से मछली खाना उनके मस्तिष्क की क्रियाशीलता को बढ़ा सकता है.
स्वीडिश शोधकर्ताओं ने अध्ययन में 15 साल के 5 हजार किशोरों को शामिल किया. करीब तीन साल चले अध्ययन में बताया गया है कि हफ्ते में एक बार मछली खाना दिमाग के लिए बेहद फायदेमंद होता है.
शोध के मुताबिक साल्मन, मर्के ल जैसी मछलियों में ओमेगा-3 वसीय पदार्थ के अलावा अल्बाकोर टूना नामक तत्व पाया जाता है. यह किशोरावस्था में मस्तिष्क के विकास के लिए बेहद उपयोगी है.
पूर्व में हुए शोधों में खुलासा किया जा चुका है कि गर्भावस्था के दौरान मछली खाने से बच्चे की बुद्धि की विकास होता है. यही नहीं लंबे समय से मछली का सेवन कर रहे लोगों में दिमागी अंसतुलन का खतरा भी कम पाया गया.
प्रमुख शोधकर्ता डा. मारिया एबर्ग के मुताबिक 'किशोरावस्था में मस्तिष्क में काफी लचीलापन होता है. लचीलेपन से तात्पर्य 'समझने की क्षमता' से है. इसका बच्चों के व्यवहार, सामाजिकता व बौद्धिकता पर काफी प्रभाव पड़ता है. जाहिर है तेजी से सीखने के दौर में कोशिकाओं में टूट-फूट की संभावना काफी बढ़ जाती है।' एबर्ग के मुताबिक मछली न खाने वालों की अपेक्षा हफ्ते में एक बार मछली खाने वाले किशोर दिमागी रूप से काफी सक्षम पाए गए.