अखरोट प्रोटीन का अच्छा सोर्स तो है ही, साथ ही यह बॉडी से बुरे कोलेस्ट्रॉल को निकालने में भी मदद करता है. यह ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होता है और इसके एंटी-इंफ्लैमेटरी गुण ब्लड प्रेशर के खतरे को कम करने में सहायक होते हैं.
ड्राई फ्रूटस में सबसे ज्यादा असरदार है अखरोट
हाल में हुए एक अध्ययन के मुताबिक, हर सप्ताह 1-2 बार एक चौथाई कप अखरोट खाने वाली महिलाओं में शारीरिक परेशानियाें की संभावना बहुत कम हो जाती है और वह एजिंग के प्रभाव से भी बची रहती हैं. सभी प्रकार के नट (फलियों) में अखरोट (वालनट) का विशेष स्थान है.
इसमें पॉलीअनसेचुरेटेड वसा (फैट) पाया जाता है, जिसमें वनस्पति आधारित आमेगा-3 फैटी अम्ल 'अल्फा-लिनोलेनिक अम्ल' (एएलए) शामिल है. अध्ययन के मुताबिक, एक औंस (28.5 ग्राम) अखरोट में 2.5 ग्राम एएलए पाया जाता है.
बढ़ती उम्र में एजिंग को ऐसे करें कम
अमेरिका में ब्रिघम एंड विमन हॉस्पिटल एंड हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के प्रोफेसर फ्रांसीन ग्रोडस्टीन ने कहा, 'ज्यादातर शोध बढ़ती उम्र में डायबिटीज और हार्ट डिजीज जैसी समस्याओं पर अध्ययन से जुड़े होते हैं. ऐसे शोध कम ही होते हैं जो एजिंग या फिर बढ़ती उम्र के बारे में होते हैं.' अध्ययन के मुताबिक, इसके अलावा फल और सब्जियां अधिक खाने, चीनी मिले पेय पदार्थ, ट्रांस वसा और सोडियम कम मात्रा में लेने और शराब का कम उपयोग करने से बुढ़ापे में शरीर असमर्थ होने की संभावना कम होती है.
संतुलित जीवनशैली है महत्वपूर्ण
इस 'नर्सेस हेल्थ स्टडी' अध्ययन में शोधार्थियों ने 54,762 महिलाओं का 30 साल से अधिक समय तक अध्ययन किया. शोध पत्रिका 'जर्नल ऑफ न्यूट्रीशन' में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि सिर्फ अखरोट ही नहीं बल्कि एक स्वस्थ खानपान और संतुलित जीवनशैली अपनाकर भी एजिंग के इफेक्ट को कम किया जा सकता है.