भारतीय मूल के एक सदस्य वाले शोधकर्ताओं के एक दल के अनुसार मोटे होने से की दिल की बीमारियों से होने वाली मौतों से लोग सुरक्षित रह सकते हैं.
उच्च शरीर द्रव्यमान (बीएमआई) का संबंध हृदयवाहिनी की कई बीमारियों से है. लेकिन नए अध्ययन से पता चला है कि ‘मोटापे को लेकर एक विरोधाभास’ है क्योंकि मोटे होने से असल में मरीज हृदयवाहिनी की बीमारियों से होने वाली मौतों से बच सकते हैं.
मायो क्लीनिक प्रोसिडिंग्स पत्रिका में प्रकाशित दो रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने पृष्टि करते हुए कहा कि दुबले पतले लोगों में हृदयवाहिनी की बीमारियों से मौत अधिक होती है, जबकि अधिक वजन वाले लोगों में यह कम है.
न्यूयार्क के ब्रुकलिन में स्थित स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क डाउनस्टेट मेडिकल सेंटर के हृदयरोग विज्ञान शोधार्थी अभिषेक शर्मा और उनके सहयोगियों ने 36 अध्ययनों का विश्लेषण कर ये रिपोर्ट तैयार किए.
रिपोर्ट के अनुसार मोटे लोगों जिनका बीएमआई (25-30 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर) था उनमें सामान्य बीएमआई (20-25 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर) वाले लोगों की तुलना में दिल की बीमारियों की वजह से मौत का खतरा सबसे कम पाया गया.
मोटे और बहुत ज्यादा मोटे लोग जिनका बीएमआई 30-35 और 35 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर से अधिक था उनमें सभी तरह की बीमारियों से होनी वाली मौत का प्रतिशत 27 था, जो सामान्य बीएमआई वाले लोगों से 22 प्रतिशत पाया गया.