अटलांटिक महासागर के ऊपर उड़ान भरने के दौरान ईंधन खत्म होने के बाद मौत के बेहद करीब पहुंचकर बच निकले विमान में सवार यात्रियों पर किए गए परीक्षण के दौरान यह नई खोज की गई.
बेक्रेस्ट स्वास्थ्य विज्ञान रोचमैन अनुसंधान संस्थान के नेतृत्व में यह अध्ययन 24 अगस्त, 2014 को टोरंटो से लिस्बन के लिए उड़ान भरने वाले एयर ट्रांजाट फ्लाइट 236 में सवार यात्रियों पर किया गया.
अटलांटिक महासागर से उड़ान भरने के दौरान रिसाव की वजह से विमान का ईंधन खत्म हो गया था और विमान को काफी परेशानी के बाद अजोर्स के एक छोटे से द्वीप पर उतारा गया, जो एक सैन्य अड्डा था.
अध्ययन के अनुसार, इस तरह की एक भी दर्दनाक घटना स्मरण शक्ति को बढ़ा देती है और घटना के कई वर्षों बाद भी इस तरह की किसी भी घटना के प्रति सचेत कर देती है.
अध्ययन के मुख्य लेखक डेनिएला पालोंबो के अनुसार, 'यह भयावह घटना अभी भी यात्रियों को परेशान करती है, चाहे वे घटना के बाद तनाव की स्थिति से गुजरे हों या नहीं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.'
अध्ययन के अनुसार, इस घटना ने यात्रियों को उनके जीवन के अन्य नकारात्मक अनुभवों के प्रति ज्यादा संवेदनशील बना दिया.
-इनपुट IANS