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मछली के गले के अंदर मिला जिंदा मेंढक

एक मछुआरे की खुशी का उस वक्‍त कोई ठिकाना नहीं रहा जब उसके जाल में एक मोटी-ताजी मछली फंस गई. अब आप कहेंगे कि इसमें नया क्‍या है? मछुआरों के लिए मोटी मछलियां पकड़ना कोई बड़ी बात नहीं. लेकिन यह खबर जरा हटकर है.

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बाएं: मछली के साथ एंगस जेम्‍स, दाएं: मछली के गले में मेढक
बाएं: मछली के साथ एंगस जेम्‍स, दाएं: मछली के गले में मेढक

एक मछुआरे की खुशी का उस वक्‍त कोई ठिकाना नहीं रहा जब उसके जाल में एक मोटी-ताजी मछली फंस गई. अब आप कहेंगे कि इसमें नया क्‍या है? मछुआरों के लिए मोटी मछलियां पकड़ना कोई बड़ी बात नहीं. लेकिन यह खबर जरा हटकर है.

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जी हां, मछली पकड़कर मछुआरा काफी खुश था, लेकिन उस वक्‍त वह हैरान रह गया जब उसने मछली के गले के अंदर एक हरे रंग के मेंढक को देखा. पानी से बाहर निकलने के बाद मछली तो मर चुकी थी, लेकिन मछली के गले के अंदर होने के बावजूद मेंढक पूरी तरह से जिंदा था. और मछली के गले में मेढक काफी खुश भी नजर आ रहा था. उसके चेहरे पर एक सुकून भरी मुस्‍कान थी.

मामला ऑस्‍ट्रेलिया के क्‍वींसलैंड के टाउंसविले का है, जहां वीकएंड में एंगस जेम्‍स मछली पकड़ने पहुंचे थे. प्रोफेशनल मछुआरे जेम्‍स के मुताबिक, 'मैं हैरान रह गया. पहले मुझे लगा कि मछली के गले में हरी घास है, लेकिन अचानक उसने अपनी आंख झपकाई'.

इससे पहले कि जेम्‍स उस मेंढक को मछली के गले से बाहर निकाल पाते वह उनके सिर के ऊपर से छलांग लगाकर वहां से चलता बना. लेकिन तब तक जेम्‍स ने मेंढक की तस्‍वीर अपने कैमरे में कैद कर ली थी.

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जेम्‍स कहते हैं, 'मैं हमेशा कैमरा लेकर चलता हूं इसलिए मैं यह बेहतरीन तस्‍वीर खींच पाया. फोटो लेने के तुरंत बाद मेंढक कूदकर भाग गया'.

आपको बता दें कि हरे रंग का यह मेंढक ऑस्‍ट्रेलिया के पड़ोसी इलाकों न्‍यू गुएना, न्‍यूजीलैंड और अमेरिका में पाए जाते हैं. यह मेढक ऑस्‍ट्रेलिया के ज्‍यादातर मेंढकों से कई गुना लंबे होते हैं. इनकी लंबाई चार इंच तक भी हो सकती है.

बहरहाल, इस बारे में कुछ नहीं पता चल पाया कि वह मेंढक मछली के गले के अंदर कितने वक्‍त से था, लकिन औसतन एक मेढक करीब 16 सालों तक कैद में रह सकता है. माना जाता है कि जब कोई मेंढक किसी खतरे में होता है तो वह चिल्‍लाता है और छूने पर जोर-जोर से आवाज करता है, लेकिन जेम्‍स के मुताबिक उन्‍होंने इस तरह की कोई आवाज नहीं सुनी. यानी कि मछली के गले में होने के बावजूद मेढक डरा हुआ नहीं था.

जेम्‍स ने यह फोटो कीड़े-मकौड़ों की एक मैगजीन को भेज दी, जिसने उसे फेसबुक पर पोस्‍ट कर दिया. फेसबुक पर इस फोटो को खूब शेयर किया जा रहा है.

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