एक शोध में यह बात सामने आई है कि प्रेम संबंधों को महत्व देने वाले लोग ज्यादा समय तक जीते हैं. प्रेम अकेलेपन की भावना को खत्म करके मानसिक दृढ़ता प्रदान करता है. साथ ही यह प्रतिरोधक तंत्र को अधिक सक्रिय भी बनाता है. सिर्फ इतना ही नहीं, सुखी वैवाहिक जीवन वाले लोगों का ब्लडप्रेशर भी बेहतरीन स्तर पर होता है.
रासायनिक जुड़ाव
विज्ञान ने मन-मस्तिष्क की बनावट के प्रति लंबे समय से उपेक्षा दिखाई है, लेकिन न्यूरो-बायोलॉजिकल और फिजियोलॉजिकल शोध ऐसे नतीजे जाहिर कर रहे हैं कि प्रेम जैसी सेहतमंद चीज को अब मान्यता मिल रही है, खास तौर पर तनाव से जुड़ी बीमारियों-मसलन, हृदय से जुड़ी बीमारियों, तंत्रिका और मनोवैज्ञानिक विकारों-के मामले में. शोध बताते हैं कि बीमारियों और दर्द से लड़ने में प्रेम, दया और खुशी के भाव मदद पहुंचाते हैं. यह तो अरसे से माना जाता रहा है कि अगर आप स्वस्थ हैं तो आपमें कुछ करने की प्रेरणा भी पैदा होगी और आप फैसले करने में सक्षम भी रहेंगे. वैज्ञानिकों के मुताबिक, प्रेम शरीर में ऐसी प्रतिरोधक क्षमता पैदा करता है जिससे आपमें स्वास्थ्य बनाए रखने की शारीरिक क्षमता में भरोसा पैदा हो सकता है.
दरअसल, प्यार ...
एक विकासशील अनुसंधान संस्था का कहना है कि प्रेम संबंधों में रहने वाले लोगों का जीवन लंबा होता है. प्रेम अलगाव और अकेलेपन की भावना को रोकते हुए मौत के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करता है, साथ ही प्रतिरोधक तंत्र को अधिक सक्रिय भी बनाता है. शोधकर्ताओं ने पाया कि ऐसे जोड़े, जो सकारात्मक भावनाएं दर्शाते हैं, संक्रमण (साइकोसोमैटिक मेडिसीन) से कम प्रभावित हुए, उनको डॉक्टरों के यहां कम जाना पड़ा और अस्पतालों में कम समय तक रुकना पड़ा.
सुखी वैवाहिक जीवन, यानी मजबूत दिल
एनाल्स ऑफ बिहेवियरल मेडिसीन के एक अध्ययन में कहा गया है कि सुखी वैवाहिक जीवन वाले लोगों का रक्तचाप सबसे अच्छा होता है. वैवाहिक जीवन से नाखुश लोगों का रक्तचाप सबसे खराब. सो, मायने रखती है वैवाहिक जीवन की गुणवत्ता, न कि विवाहित होना. इससे पता चलता है कि सकारात्मक संबंधों के समान फायदे हो सकते हैं. अध्ययन में कहा गया है कि वे कुंवारे लोग भी सेहतमंद होते हैं जिनका मजबूत सामाजिक दायरा होता है, हालांकि उतने सेहतमंद नहीं जितने कि विवाहित लोग.
वो, जिसका नाम है प्यार
लंबे समय तक एक दूजे से मजबूती से जुड़े हुए जोड़ों के मस्तिष्क के एमआरआइ स्कैन से डोपामाइन की उच्च सक्रियता जाहिर होती है. डोपामाइन मस्तिष्क का ऐसा हिस्सा है जो दर्द को नियंत्रण में रखता है और ऐसी उत्तेजना पैदा करता है जो ढेर सारा पैसा जीतने के बाद पैदा होती है. इससे मस्तिष्क के उन हिस्सों में कम प्रतिक्रिया होती है जो उत्तेजना और अवसाद पैदा करते हैं.