दिल के मरीज गंभीर को स्वाइन फ्लू से बचने के लिए काफी सावधानी बरतनी पड़ती है. स्वाइन फ्लू का वायरस (एच-1 एन-1) दिल के मरीजों की हालत और गंभीर बना देता है. स्वाइन फ्लू से हृदय रोगी को बचाने के लिए ये उपाय करें:
• हार्ट पेशेंट अपनी बीमारी की दवाईयां प्रयाप्त मात्रा में हमेशा अपने साथ रखें.
• डॉक्टर से परामर्श लेकर स्वाइन फ्लू का टीका लगवाएं. यह टीका 6 महीने की उम्र से अधिक के मरीजों को लगाया जाता है.
• स्वाइन फ्लू का लक्षण दिखने पर तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें.
• डॉक्टर आपको स्वाइन फ्लू होने पर टेमीप्लू या रेलेंजा जैसी एंटीवायरस दवाईयां दे सकते हैं. लेकिन ये दवाईयां आपको बिना चिकित्सकीय परामर्श के नहीं लेनी है.
इसके अलावा आपको अपने परिवार के स्वास्थ्य के लिए ये कदम उठाने होंगे:
• आपको अपने हाथों को बार बार साबुन से (लगभग 20 सेकेंड) धोएं. यह कई तरह के संक्रमण से बचने का बेहतरीन तरीका है. इसके अलावा आप हैंड सेनिटाइजर का भी उपयोग कर सकते हैं.
• खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को ढंकने के लिए रूमाल या टिश्यू पेपर का उपयोग करें. इस्तेमाल के तुरंत बाद टिश्यू पेपर को कचरे के डिब्बे में फेंक दें.
• किसी भी प्रकार के संक्रमण (फ्लू) के रोगी से 6 फीट की दूरी बना कर रखें.
• कंप्यूटर के कीबोर्ड, रिमोट कंट्रोल, दरवाजों के हैंडल जैसी आम उपयोग की चीजों के बाहरी भाग की नियमित सफाई करें.
• अपने घर के सभी सदस्यों को इस रोग से बचने की जानकारी दें और रोजमर्रा के जीवन में सफाई का बहुत ख्याल रखें.
• यदि आपको बुखार होता है तो यह जांचें कि कहीं आपको स्वाइन के लक्षण तो नहीं हैं. ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखायें.
• अगर आपको स्वाइन फ्लू के लक्षण हैं तो इसे घर के बाकी सदस्यों तक पहुंचने से रोकने के लिए बुखार के ठीक होने के बाद भी 24 घंटे के लिए घर पर ही रहें.
• स्वाइन फ्लू के रोगी की देखभाल करने के लिए उसे अलग कमरे में शिफ्ट कर दें.
• यदि संभव हो तो परिवार के बाहर के व्यक्ति को स्वाइन फ्लू के रोगी की देखभाल के लिए रखें.