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कोरोना से चाहते हैं बचाव! तो एसी चलाते वक्त ध्यान रखें ये बातें

क्या एसी चलाने से खतरा हो सकता है. अगर आपके घर में विंडो एसी लगा है तो आपके कमरे की हवा उस कमरे तक ही रहेगी. कुछ एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि विंडो एसी या कार में एसी चलाने से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन सेंट्रल एसी से संक्रमण का खतरा फैल सकता है.

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कम टेंपरेचर में कोरोना वायरस ज्यादा देर तक एक्टिव रह सकता है.
कम टेंपरेचर में कोरोना वायरस ज्यादा देर तक एक्टिव रह सकता है.

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देशभर में संपूर्ण लॉकडाउन के बाद भी कोरोना वायरस अपना व्यापक असर दिखा रहा है. कोरोना संक्रमितों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है. कोरोना संकट के बीच लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. ऐसा ही एक सवाल टेंपरेचर को लेकर भी है. दरअसल कई एक्सपर्ट्स ऐसा दावा कर रहे हैं कि कम टेंपरेचर में कोरोना वायरस ज्यादा देर तक एक्टिव रह सकता है.

अब सवाल उठता है कि क्या एसी चलाने से खतरा हो सकता है. अगर आपके घर में विंडो एसी लगा है तो आपके कमरे की हवा उस कमरे तक ही रहेगी. 'इशरे' के अध्यक्ष ऋची मित्तल ने दावा किया है कि विंडो एसी या कार में एसी चलाने से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन सेंट्रल एसी से संक्रमण का खतरा फैल सकता है. अब बात करते हैं टेंपरेचर की आपके कमरे, ऑफिस या कार में एसी का टेंपरेचर कितना होना चाहिए इस पर भी विशेषज्ञों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

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चूंकि ऐसा माना गया है कि कोविड-19 करीब 37 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान में बहुत देर तक एक्टिव नहीं रह सकता है. इसलिए अपने घर या ऑफिस में एसी का टेंपरेचर लगभग इतना ही रखने की कोशिश करें. इससे आपके आस-पास कोरोना का खतरा होने पर भी ज्यादा देर नहीं टिक पाएगा.

एक रिपोर्ट के मुताबिक ये एयरबोर्न इन्फ्लूएंजा 7-8 डिग्री सेल्सियस के तापमान में ज्यादा तेजी से सक्रिय हो सकता है. जबकि तकरीबन 24 डिग्री सेल्सियस में वायरस की लाइफ धीरे-धीरे कम होती चली जाती है. जबकि 30 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान में वायरस ज्यादा देर तक नहीं टिक पाता है.

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