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ऐसे रखें अपनी किडनी का ख्याल

पिछले कुछ वर्षो में भारत में क्रॉनिक किडनी रोग यानी गुर्दे खराब होने की समस्या तेजी से बढ़ी है. शुरुआती दौर में जांच और प्रबंधन से बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकता है और ऐसे में इलाज के परिणाम भी अच्छे आते हैं.

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पिछले कुछ वर्षो में भारत में क्रॉनिक किडनी रोग यानी गुर्दे खराब होने की समस्या तेजी से बढ़ी है. शुरुआती दौर में जांच और प्रबंधन से बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकता है और ऐसे में इलाज के परिणाम भी अच्छे आते हैं.

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इंडियन मेडिकल एसोशिएशन (आईएमए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मश्री डॉ ए मरतड पिल्लै और आईएमए महासचिव एवं हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ बी सी रॉय एवं डीएसटी नेशनल साइंस कम्युनिकेशन पुरस्कारों से सम्मानित डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है कि ऐसे लोग जिन्हें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, एथरोस्क्लेरोटिक हार्ट रोग, पेरिफरल वस्कुलर रोग है या किडनी फेलियर का उनका पारिवारिक इतिहास है तो उनमें गुर्दा खराब होने का खतरा काफी ज्यादा रहता है.

गुर्दा खराब होने के शुरुआती चरण में कोई भी लक्षण सामने नहीं आता है. यह साइलेंट रहता है. यही वह चरण होता है जब बीमारी का इलाज पूरी तरह संभव होता है, ऐसे में शुरुआती दौर में जांच और इलाज बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है. अगर इसका वक्त पर इलाज नहीं किया गया तो आगे चलकर किडनी फेल हो सकती है.

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किडनी की सेहत के बारे में जागरूकता के प्रचार-प्रसार के लिए इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी यानी अईएसएन और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ किडनी फाउंडेशन यानी आईएफकेएफ ने संयुक्त रूप से विश्व किडनी दिवस मनाने की पहल की है. इस साल की थीम है 'किडनी हेल्थ फॉर ऑल'. इस थीम को ध्यान में रखते हुए आईएमए ने किडनी संबंधी बीमारियों की रोकथाम के लिए एक दिशानिर्देश जारी किया है.

दिशानिर्देश के अनुसार, अगर आपको डायबीटीज है तो अपना ब्लड शुगर लेवर नियंत्रण में रखें.अगर आपकी उम्र 60 साल से अधिक है और आपको डायबीटीज है तो अपने ब्लड प्रेशर पर कड़ी नजर रखें और इसे 140/90 एमएम एचजी या इससे कम रखने का लक्ष्य रखें. 60 से अधिक उम्र के ऐसे मरीज, जिन्हें डायबीटीज नहीं है, उन्हें अपना ब्लड प्रेशर 150/90 से कम रखने का प्रयास करना चाहिए. 12 मार्च को विश्व किडनी दिवस के मौके पर पेश हैं कुछ परामर्श, जिनसे आप रख सकते हैं अपनी किडनी को स्वस्थ.

परामर्श
-स्वस्थ आहार लें
-शरीर का वजन स्वस्थ सीमा में रखें
-नमक का इस्तेमाल कम करें
-अगर आपको डायरिया, उल्टी, बुखार आदि है तो डिहाइड्रेशन से बचाव के लिए खूब तरल पदार्थ लें
-नियमित रूप से व्यायाम करें
-धूम्रपान या अन्य तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल न करें, धूम्रपान से किडनी में रक्तसंचार कम हो जाता है, जिससे पहले से हो चुकी समस्या गंभीर रूप ले सकती है
-पेन किलर या दर्द निवारक दवाओं का इस्तेमाल कम करें, क्योंकि ये आपकी किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं
-अगर आप हाई रिस्क ग्रुप में आते हैं तो किडनी फंक्शन की जांच नियमित रूप से कराएं.

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- इनपुट IANS

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