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अब नाइट शिफ्ट के बाद भी आप बने रहेंगे आप तरोताजा

आमतौर पर ऐसा देखा जाता है जो लोग नाइट शिफ्ट करते हैं, वो लोग रूटिन चेंज होने की वजह से असहज सा महसूस करते हैं. कैसा रहेगा, जब एक दवा खाकर आप नाइट शिफ्ट करने के बाद भी तरोताजा महसूस करने लगें और दिनचर्या में बदलाव से होने वाले कैंसर सहित खतरनाक बीमारियों से दूर रह सकेंगे. हां, यह संभव है.

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आमतौर पर ऐसा देखा जाता है जो लोग नाइट शिफ्ट करते हैं, वो लोग रूटिन चेंज होने की वजह से असहज सा महसूस करते हैं. कैसा रहेगा, जब एक दवा खाकर आप नाइट शिफ्ट करने के बाद भी तरोताजा महसूस करने लगें और दिनचर्या में बदलाव से होने वाले कैंसर सहित खतरनाक बीमारियों से दूर रह सकेंगे. हां, यह संभव है.

ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने कहा है कि ग्लूकोकॉर्टिक्वाइड के टैबलेट की सहायता से ऐसा संभव हो सकता है. यह हॉर्मोन का एक प्रकार है, जिसका इस्तेमाल विभिन्न रोगों के इलाज में शक्तिशाली सूजन रोधी दवा के तौर पर किया जाता है.

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'डगलस मेंटल हेल्थ यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट' में सेंटर फॉर स्टडी एंड ट्रीटमेंट ऑफ सर्काडियन रिद्म (शरीर में जैविक घड़ी) के निदेशक डिएन बी बोइविन ने कहा, 'इस नई वैज्ञानिक खोज ने नवीन उपचारों का द्वार खोला है, जो सर्काडियन प्रणाली के विभिन्न भागों पर प्रभाव डालेगा, जिससे सोने के कार्यक्रम को अपने हिसाब से समायोजित करने में मदद मिलेगी.'

शोध के लिए दल ने श्वेत रक्त कणिका में स्थित क्लॉक जिंस पर ग्लूकोकॉटिक्वाइड्स के प्रभाव का अध्ययन किया. यह अध्ययन पत्रिका 'एफएएसईबी' में प्रकाशित हुआ है.

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