दिल्ली में प्रदूषण वैसे ही अपना जाल फैलाए हुए और दिवाली पर होने वाली आतिशबाजी के बाद से हवा में प्रदूषण तेजी से फैलना शुरू हुआ जो अब हैवी स्मॉग के रूप में सामने आ रहा है.
यह स्मॉग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. इसकी वजह से लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, फेफड़ों पर जोर पड़ना जैसी कई समस्याएं हो रही हैं. स्मॉग के इस खतरे की चपेट में छोटे बच्चे जल्दी आ जाते हैं. इसे देखते हुए राजधानी में स्कूल तक बंद करा दिए गए हैं.
इस स्मॉग की बड़ी वजह प्रदूषण है. हालांकि इसे आसानी से एकदम से साफ नहीं किया जा सकता, लेकिन कुछ तरीकों से इसे कम जरूर किया जा सकता है.
आइए जानें, 5 अनूठे तरीके जिनकी मदद से वायु प्रदूषण कम करके हवा को सांस लेने लायक बनाया जा सकता है -
1. नमक से नकली बारिश
आकाश में नमक के बड़े टुकड़ों को रॉकेट, हेलीकॉप्टर या प्लेन की मदद से छोड़कर नकली बारिश कराने की प्रक्रिया से वायु प्रदूषण कम किया जा सकता है. इसे क्लाउड सीडिंग कहते हैं. नमक की जगह इसके लिए सिल्वर आयोडाइड या ड्राई आइस जैसे केमिकल भी प्रयोग में लाए जाते हैं. चीन में इसका प्रयोग खासा सफल रहा है लेकिन महंगे होने की वजह से अपने देश में नहीं. हालांकि स्मॉग के खतरे को देखते हुए इसे एक बार प्रयोग में लाने में बुराई नहीं है.
2. स्मॉग हटाने वाली मशीन
नीदरलैंड के एक डिजाइनर ने प्रदूषण को कम करने की एक बड़ी मशीन तैयार की है. यह 7 मीटर ऊंची है. यह मशीन 1 घंटे में 30000 मीटर क्यूबिक एरिया को स्मॉग फ्री कर देती है. इस मशीन को ज्यादा पावर की जरूरत भी नहीं पड़ती. यह1400 वॉट की पावर पर चलती है. इतनी एनर्जी तो मिक्सर ग्राइंडर, माइक्रोवेव आदि ही यूज करते हैं !
3. वैक्यूम क्लीनिंग से भगाओ धूल
वैक्यूम क्लीनर के इस्तेमाल से भी प्रदूषण कम हो सकता है. पिछले साल दिसंबर में चीन में एक व्यक्ति वैक्यूम क्लीनर लेकर सड़क पर निकला था और 100 दिन में उसने जो धूल-मिट्टी आदि वैक्यूम क्लीनर में जमा किए थे, उससे बाद में उसने घर में लगने वाली एक ईंट बनाई.
देखा जाए तो वैक्यूम क्लीनर से वातावरण की सफाई खासा समय लेने वाली है, लेकिन दिल्लीवासी अगर ऐसा दिन में कुछ घंटे के लिए करें तो भी प्रदूषण को काफी कम किया जा सकता है.
4. पानी का छिड़काव
उड़ती धूल पर अगर पानी डाल दिया जाए तो ये आसानी से जमीन पर बैठ जाती है और हवा में भी ठंडक आ जाती है. इसीलिए अगर रोजाना घर के आसपास इसका छिड़काव किया जाए तो काफी हद तक स्मॉग को कम करने में मदद मिल सकती है.
वैसे यही थ्योरी क्लाउड सीडिंग यानी नकली बारिश का आधार भी है.
5. ढके हुए पार्क में ताजी हवा
लंदन के आर्किटेक्चर और एक डिजाइन फर्म ने ऐसे पार्क का डिजाइन तैयार किया है जो प्रदूषण फ्री होंगे. इस फर्म की वेबसाइट के अनुसार, ये पार्क पूरी तरह ढके होंगे और इनमें बने बोटैनिकल गार्डन से यहां आने वालाें को एकदम ताजा हवा मिलेगी. यहां का तापमान और मौसम पूरे साल एक जैसा रहेगा. वहीं, कंपनी का दावा है कि इस पार्क की ताजी हवा को आसपास के ऑफिस, घर, अस्पताल आदि में भी कंट्रोल्ड एयर सिस्टम के जरिए पहुंचाया जा सकेगा.