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'आई डोंट डिजर्व टू बी रेप्‍ड' वाली महिलाओं की तस्‍वीरें वायरल

बलात्‍कार के लिए उत्तेजक कपड़ों को जिम्‍मेदार मानने वाले रवैये के खिलाफ ब्राजील में महिलाएं अपनी ऐसी तस्‍वीरें खींच रहीं हैं जिनमें उन्‍होंने या तो कुछ नहीं पहना है या न के बराबर कपड़े पहने हैं. तस्‍वीर खिंचाते वक्‍त उनके हाथ में एक बैनर भी है, जिसमें लिखा हुआ है 'आई डोंट डिजर्व टू बी रेप्‍ड'.

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रेप पर लोगों के नजरिए के खिलाफ टॉपलेस हो रही हैं ब्राजील की महिलाएं
रेप पर लोगों के नजरिए के खिलाफ टॉपलेस हो रही हैं ब्राजील की महिलाएं

बलात्‍कार के लिए उत्तेजक कपड़ों को जिम्‍मेदार मानने वाले रवैये के खिलाफ ब्राजील में महिलाएं अपनी ऐसी तस्‍वीरें खींच रहीं हैं जिनमें उन्‍होंने या तो कुछ नहीं पहना है या न के बराबर कपड़े पहने हैं. तस्‍वीर खिंचाते वक्‍त उनके हाथ में एक बैनर भी है, जिसमें लिखा हुआ है 'आई डोंट डिजर्व टू बी रेप्‍ड'.

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दरअसल, एक ऑनलाइन सर्वे में खुलासा किया गया था कि ब्राजील के 65.1 फीसदी लोग मानते हैं कि अगर महिला ने उत्तेजक कपड़े पहने हों तो वह प्रताड़ित होने के लायक है. आपको बता दें कि इस सर्वे में आधे से ज्‍यादा महिलाएं शामिल थीं.

ब्राजील के लोगों के इस नजरिए को बदलने के लिए यहां हर उम्र की महिलाएं अपनी तस्‍वीरें ट्वीट कर रही हैं. इन तस्‍वीरों के साथ-साथ हैशटैग #EuNaoMereçoSerEstrupada भी खूब वायरल हो रहा है. इस हैशटैग का मतलब है 'आई डोंट डिजर्व टू बी रेप्‍ड'.

महिलाओं के साथ ही पुरुष भी हाथ में बैनर थामे हुए सोशल मीडिया पर अपनी तस्‍वीरें पोस्‍ट कर रहे हैं. ब्राजील के एक पुरुष ने बैनर पर लिखा, 'किसी भी महिला का बलात्‍कार नहीं होना चाहिए'.

आपको बता दें कि यह सर्वे ब्राजील के इंस्‍टीट्यूट फॉर एप्‍लाइड इकॉनमिक रिसर्च (IPEA) ने करवाया था, जिसमें देश के लोगों से पूछा गया कि क्‍या उत्तेजक कपड़े रेप की वजह हैं. हैरानी की बात यह है कि ब्राजील के 65.1 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया. और सर्वे में शामिल कुल 3,810 लोगों में से 66.5 फीसदी महिलाएं थीं.

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इसी तरह सर्वे का दूसरा सवाल था कि अगर महिलाओं को पता हो कि कैसा आचरण करना है तो रेप की वारदात कम घटेंगी. इस पर 58.5 फीसदी लोगों ने अपनी सहमति जताई. यह सर्वे उस वक्‍त सामने आया है जब IPEA ने खुलासा किया था कि ब्राजील में 50.7 फीसदी रेप पीड़िताएं 13 साल से भी कम उम्र की हैं.

गौरतलब है कि इस सर्वे के खिलाफ अभियान की शुरुआत महिला पत्रकार नाना क्‍वीरोज ने फेसबुक पर की थी. उन्‍होंने देश भर की महिलाओं से अपील की कि वे 28 मार्च को रात आठ बजे स्‍लोगन के साथ अपनी तस्‍वीरें पोस्‍ट करें. लेकिन दो दिन बाद भी लोग उनके अभियान के समर्थन में तस्‍वीरें पोस्‍ट कर रहे हैं.

दुनिया भर में इन तस्‍वीरों को शेयर किया गया. एक पुरुष ने ट्वीट किया, 'किसी भी महिला का बलात्‍कार नहीं होना चाहिए. मुझे इस तरह की जाहिर सी बात कहनी पड़ रही है. मैं पुरुष होने पर शर्मिंदा हूं'.

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