रिश्तों के बनने और टूटने पर पुरुष भी न सिर्फ परेशान होते हैं, बल्कि भावनात्मक तौर पर वह महिलओं से कहीं ज्यादा आहत होते हैं. सेक्सोलॉजिस्ट डा. महेश नवल का कहना है, ‘अगर आपकी महिला साथी आपके साथ सुनहरे भविष्य के सपने नहीं सजा रही है, तो निश्चित है कि वह आपसे रोज रोज मिलने की इच्छा नहीं जताएगी.’ ऐसे में पुरुष हताश हो सकता है.
अपने रिश्ते को अगर ज्यादा मजबूत बनाना चाहते हैं और उनके साथ को लंबे समय तक महसूस करना चाहते हैं, तो बेतरतीब ढंग से चलने के बजाए प्लानिंग कर चलने में ही समझदारी है. इस तरह आप खुद को भावनात्मक स्तर पर टूटने से बचाएंगे और साथ ही अपने साथी को भी इस दर्द से दूर रखेंगे.
महज पड़ोसी न बनें
वह आपके पड़ोस में रहती हैं, लेकिन आप या तो उनसे किसी तरह की बातचीत करते ही नहीं या फिर कुछ ज्यादा ही ओपन बातचीत करते हैं. ऐसा पुरुषों में अकसर देखा जाता है कि वह खुद को सहज दिखाने के चक्कर में मन की असहजता दिखा देते हैं. इसलिए शुरुआती दिनों में खुद पर काबू करने के बजाए सामान्य रहें. कोशिश करें कि वह महिला आपको पहले एक अच्छे पड़ोसी के तौर पर पहचाने, जो कि आप हैं. उनकी परेशानियों में सहयोग दें और अपना हमदर्दी भरा कंधा हमेशा उनके लिए तैयार रखें. लेकिन रिश्तों की मर्यादा और सच को उनसे कभी न छिपाएं. {mospagebreak}
रहें मर्यादा में
अगर आपका पहला तीर काम कर गया और उनके साथ कहीं डेट पर जाने का मौका भी आपने झपट लिया. तो भी मन के उत्साह को बाहर न आने दें. मर्यादा में रहें और अपनी सीमाओं को न लांघें. उन्हें यह अहसास न होने दें कि आप इस डेट को लेकर बहुत गंभीर हैं. जब उन्हें यह लगेगा कि आप उन्हें इग्नोर करते हैं, तो यकीनन वह आपकी तरफ आकर्षित होंगी. बस इसके बाद मौका देखकर उन्हें बेहद शालीन तरीके से अपनी भावनाओं से वाकिफ करवा दें. उन्हें बताएं कि आपके मन में क्या है और आप क्या चाहते हैं. हां, यह बताना न भूलें कि आप सिंगल हैं. अगर समय है और कहीं घूमने का मन है, तो भी अपनी मंशा बता दें.
खुद को रोकें
अपनी भावनाओं को काबू में रखें. खासकर तब, जब आपके मन में भविष्य में उन्हें लेकर कोई योजना न हो, ताकि वह भी आपसे ज्यादा जुडाव महसूस न करें. अपने दूसरी महिलाओं के साथ संबंधों का खुलासा कर, उन्हें खुद से जुडने से रोकना बेहतर विकल्प नहीं है. सभी बातों को साफ रखें, लेकिन इतना साफ भी नहीं कि साथी को तकलीफ हो. हो सकता है कि वह भी आपके ही जैसी मंशा रखती हों और उनके ब्वायफ्रेंड की गिनती आपसे कहीं ज्यादा हो. इसलिए संभल कर कदम रखें.
जब आए ब्रेकअप की घड़ी
अगर वह शहर छोड़ कर जा रही हैं या फिर आप शहर बदल रहे हैं, तो उन्हें दुखी करके या भावनात्मक रूप से कमजोर बनाने के बाजए इस तरीके से अलग हों कि आप हमेशा एकदूसरे के अच्छे दोस्त बने रहें. डा. नवल कहते हैं कि इस तरह से रिश्ते को खत्म करते समय आपके लिए दोस्ती का विकल्प बहुत सुंदर होता है. उन्हें अहसास कराएं कि जरूरी नहीं कि हर रिश्ते का एक ही अंजाम हो. आराम से उनके साथ चाय पीते हुए बातचीत करें और समझाएं. वह यकीनन आपकी बात को समझ जाएंगी.