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स्मार्ट फोन की दीवानगी, मानसिक रोगों को बुलावा

स्मार्ट फोन का आज हर कोई दीवाना है, लेकिन आपको बता दें कि इसका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल आपको कई मानसिक बीमारियों का शिकार बना सकता है.

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स्मार्ट फोन का आज हर कोई दीवाना है, लेकिन आपको बता दें कि इसका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल आपको कई मानसिक बीमारियों का शिकार बना सकता है. यही नहीं हड्डियों से संबंधित कई नई बीमारियां भी आपको अपनी चपेट में ले सकती हैं. एक सर्वे में यह खुलासा हुआ है.

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अगर आप अपने महंगे और मल्टीपरपस स्मार्ट फोन को लेकर बहुत परेशान रहते हों और पल भर के लिए भी यह आपकी नजरों से ओझल हो जाए तो आप घबराने लगते हैं तो अब आप सावधान हो जाइए.  एक्सपर्ट मानते हैं कि ऐसे लक्षण किसी मानसिक बीमारी की ओर इशारा करते हैं. ये बीमारी आपके स्मार्ट फोन की देन हो सकती है.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और हार्ट केयर फाउंडेशन ने स्मार्ट फोन के बढ़ते इस्तेमाल और उसके नुकसान पर एक सर्वे किया है, जिसमें कईं ऐसी बीमारियों का पता चला है जो सीधे तौर पर स्मार्ट फोन की देन हैं. सर्वे में डॉक्टर्स, नर्स के अलावा मीडिया और कंपनियो में काम करने वाले लोगों से बातचीत की गई.

सर्वे के मुताबिक 43 फीसदी डॉक्टर नोमोफोबिया नामक बीमारी से जूझ रहे हैं. उनको मोबाइल खोने का डर लगा रहता है. 50 फीसदी लोगों ने रिंगएनसाइटी की शिकायत की. अगर उनका फोन देर तक नहीं बजता जो उन्‍हें घबराहट होने लगती है. 25 फीसदी लोगों ने माना कि वो फैंटमरिंगिग बीमारी का शिकार हैं. ऐसे लोगों को बार-बार लगता है कि उनका फोन बज रहा है.

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सर्वे में ब्लैकबैरी थम नामक बीमारी का विशेष तौर पर जिक्र किया गया है. स्मार्ट फोन के कारण युवाओं में हड्डी से जुडी कई नई बीमारियां सामने आ रही हैं.

स्मार्ट फोन पर किए गए सर्वे से पता चला है कि 100 फीसदी डॉक्टर सर्जरी करते समय अपने मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं. इस आदत को मरीजों के हित में नहीं माना जा रहा है.

स्मार्ट फोन समय की जरूरत है, लेकिन इसका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करने से कहीं आपकी सेहत पर बुरा असर नही पड़ें. इसका ख्याल रखें.

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