एक नए अध्ययन में बताया गया है कि विटामिन डी की कमी से डिमेंशिया या मनोभ्रंश होने का जोखिम बढ़ सकता है. अध्ययन के अनुसार, विटामिन डी की अधिक कमी वाले लोगों में डिमेंशिया होने की संभावना 122 प्रतिशत अधिक होती है. वैसे तो भारत में धूप की कोई कमी नहीं होती, फिर भी लगभग 65 से 70 प्रतिशत भारतीय लोगों में इस जरूरी विटामिन की कमी पाई गई है.
विटामिन डी शरीर की लगभग हर कोशिका को प्रभावित करता है. यह सूर्य के प्रकाश में रहने पर त्वचा में उत्पन्न होता है, और कैल्शियम के अवशोषण तथा हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है. विटामिन डी का लेवल कम होने पर हड्डियों को नुकसान पहुंचता है. हालांकि, यह विटामिन दिल, मस्तिष्क और प्रतिरक्षा तंत्र के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है.
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, विटामिन डी की कमी मैटाबोलिक सिंड्रोम, हृदय रोगों और प्रजनन क्षमता से जुड़ी हुई है. उन्होंने बताया कि साल में कम से कम 40 दिन में 40 मिनट तक रोजाना सूर्य की रोशनी में जरूर रहना चाहिए. इसका सही लाभ तब मिलता है जब शरीर का कम से कम 40 प्रतिशत हिस्सा सूर्य की रोशनी के संपर्क में आए, भले ही प्रात:काल या शाम के समय ही हो.
दरअसल, विटामिन डी 2 हमें खाद्य पदार्थो से मिलता है, जबकि विटामिन डी 3 सूर्य की रोशनी पड़ने पर हमारे शरीर में उत्पन्न होता है. दोनों विटामिन हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. डी 2 जहां भोजन से प्राप्त किया जा सकता है, लेकिन डी 3 का उत्पादन सूर्य के प्रकाश में ही होता है.
विटामिन डी की कमी के कई कारण होते हैं. कई बार सामाजिक कारणों से व्यक्ति धूप में कम निकलता है. भारत में प्रचुर मात्रा में धूप उपलब्ध रहती है, फिर भी बहुत से लोग अनजान हैं कि उन्हें विटामिन डी की कमी हो सकती है.
ये हैं विटामिन डी के अच्छे स्रोत:
- कॉड लिवर ऑयल: यह तेल कॉड मछली के जिगर से प्राप्त होता है और सेहत के लिए बेहद अच्छा माना जाता है. इससे जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद मिलती है और इसे कैप्सूल या तेल के रूप में प्रयोग किया जा सकता है.
- मशरूम: यदि आपको मशरूम पसंद हैं, तो आपको विटामिन डी भरपूर मिल सकता है. सूखे शिटेक मशरूम विटामिन डी 3 के साथ-साथ विटामिन बी के भी शानदार स्रोत हैं. इनमें कम कैलोरी होती है और इन्हें जब चाहे खाया जा सकता है.
- सूरजमुखी के बीज: इनमें न केवल विटामिन डी 3, बल्कि मोनोअनसैचुरेटेड वसा और प्रोटीन भी भरपूर मात्रा मेें होता है.