आज सूर्य ग्रहण है. सूर्य ग्रहण देखने की उत्सुकता तो सभी में होती है. ऐसी ही उत्सुकता अमेरिका के ओरेगॉन सिटी के रहने वाले लो टोमोसोस्की में भी थी. साल 1962 में तब टोमोसोस्की हाई स्कूल में थे.
टोमोसोस्की और उनके दोस्तों ने खेल-खेल में सू्र्य ग्रहण देखने की बात कही और सब ने तय कर लिया कि सूर्य ग्रहण देखेंगे. टोमोसोस्की ने कुछ क्षण के लिए सूर्य की ओर देखा. TODAY के अनुसार 70 साल के टोमोसोस्की ने बताया कि सूर्य ग्रहण के दौरान निकलने वाली किरणें बिल्कुल कैमरे से निकलने वाली फ्लैश लाइट की तरह थीं.
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लेकिन सूरज कैमरा नहीं है. अगली सुबह जब वो उठे तो उनकी दाई आंख में एक ब्लाइंड स्पॉट बन गया. 55 साल बाद अब भी वो वैसा ही है. इसमें ना तो सुधार है और ना ही इसमें कोई और खराबी आई है.
इस इस स्थिति को सोलर रेटिनोपैथी कहा जाता है. यानी कि सूर्य को सीधे देखने की वजह से रेटिना को हुआ स्थाई नुकसान.
यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन स्कूल ऑफ मेडिसिन एंड क्लिनिकल के प्रोफेसर डॉ. रसेल एन. वैन गेल्डर ने बताया कि सूर्य को घूरने के बाद यह किसी के भी आंख में हो सकता है.
इसलिए सुनहरा हो चुके सूरज को सीधे तौर पर देखने से बचना चाहिए.