अगर आपको मोबाइल की लत है और उसके बिना नहीं रह पाते तो आप सावधान हो जाएं. क्योंकि यह आपकी कमजोर याददाश्त की वजह बन सकती है.
आज वर्ल्ड अल्जाइमर डे है. हाल ही में आए एक अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार कमजोर हो रही याद रखने की क्षमता के पीछे मोबाइल एक बड़ी वजह है.
शोधकर्ताओं के अनुसार यदि आपको ठीक से नींद नहीं आती, आप एक जगह एकाग्र नहीं हो पाते, चीजें रखकर भूल जाते हैं और लोगों के नाम याद रखने में तथा बातचीत करने में भी तकलीफ होती है तो आप मान कर चलें कि आप पर डिजिटल डिमेंशिया का खतरा ज्यादा है.
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डिजिटल डिमेंशिया की गिरफ्त में ज्यादातर किशोर आयु वर्ग से लेकर 40 की उम्र तक के लोग आ रहें है. क्योंकि इस उम्र के लोगो में मोबाइल की लत काफी आम हो गई है. यहीं कारण है कि डिजिटल डिमेंशिया रोग की तादाद समय के साथ लोगों में बढ़ती जा रही है.
हिन्दुस्तान में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार रामनोहर लोहिया अस्पताल के कगनिटिव न्यूरोलॉजिस्ट विशेषज्ञ डॉ. विकास धिकाव ने बताया है कि डिजिटल डिमेंशिया की बीमारी सबसे ज्यादा किशोरों में देखी जा रही है. विकास धिकाव की मानें तो इस वर्ग के लोगों में मोबाइल की लत सबसे ज्यादा होती है और यही लत उन्हें इस बीमारी की चपेट में लाता है.
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डिजिटल डिमेंशिया के कारण
दिमाग में बीटा एमेलॉड नाम के प्रोटीन के जमा होने के कारण यह बीमारी होती है. दरअसल इसके कारण दिमाग के न्यूरांस नष्ट हो जाते हैं. इसी वजह से याद रखने की ताकत कम होने लगती है. इसके दूसरे कारणों में ये प्रमुख हैं...
1. ज्यादा शराब, तंबाकू, गुटका आदि का सेवन करना.
2. अवसाद और तनाव.
3. इंटरनेट पर निर्भरता.
4. एक साथ कई काम करना भी इसकी बड़ी वजह है.
बता दें कि डिमेंशिया को बुढ़ापे की बीमारी माना जाता है जो आमतौर पर 60 साल की उम्र के बाद होता है. लेकिन लाइफस्टाइल में आए बदलाव के कारण यह कम उम्र में भी देखने को मिल रही है.