प्यार मुहब्बत इश्क और लव ये चारों शब्द आज ऐसे हो चले हैं जिन्हें सुनकर सिर्फ स्त्री पुरुष के बीच संबंधों की बात मन में आती है लेकिन इन शब्दों का मतलब केवल इतना नहीं बल्कि इससे भी कहीं आगे है.
पश्चिमी देशों में 19 जनवरी को मनाया जाने वाला ‘व्हिस्पर आई लव यू डे’ वैसे तो ‘वैलेंटाइन डे’ की तरह ही प्यार के इजहार का दिन है लेकिन मशहूर रचनाकार इतिहासकार और कलाकार शेरोन हेरिस का ऐसा नहीं मानना है. हेरिस का कहना है कि प्यार का मतलब सिर्फ स्त्री-पुरुष के बीच शारीरिक संबंधों से नहीं बल्कि इससे बहुत आगे है. उनका मानना है कि प्यार सिर्फ जिस्मानी नहीं होता.
लोगों को किसी बेजान चीज से भी इतना प्यार हो सकता है कि वह उसे ‘आई लव यू’ कहे बिना नहीं रह सकता. हेरिस का कहना है कि उन्हें अपनी किताबों से प्यार है और इसीलिए उन्होंने हाल ही में ‘आई लव यू बुक’ नाम से किताब लिखी है. हेरिस ने ‘आई लव यू’ नाम से एक अन्य पुस्तक भी प्रकाशित की है जिसमें प्यार से संबंधित कविताओं का संग्रह है. किसी स्थान से प्यार की कसक महसूस करते हुए उन्होंने 2006 में ‘आई लव यू टोरंटो’ शीषर्क से एक फोटो प्रदर्शनी लगाकर समूचे कनाडा के प्रति अपने प्यार का इजहार किया था.
व्हिस्पर आई लव यू डे’ पर कई ब्लॉगरों ने भी तरह-तरह के ब्लॉग लिखे हैं. मुम्बई के मनीष कुमार ने लिखा है कि पश्चिम का यह त्योहार भारत में भी कुछ लोगों को भा रहा है और यदि इस दिन कोई किसी से अपने प्रेम का इजहार करता है तो इसमें बुरा ही क्या है.
निकोलस एंड्रू नाम के एक शख्स ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि इस दिन सिर्फ प्यार का इजहार ही नहीं किया जाना चाहिए बल्कि प्यार करने वालों को एक..दूसरे को धोखा न देने का वायदा भी करना चाहिए. समाजशास्त्री स्वर्ण सहगल का मानना है कि इस तरह के दिन पश्चिम की देन हैं लेकिन यदि इन्हें सही रूप में लिया जाए और मर्यादा का ध्यान रखा जाए तो ऐसे दिनों के आयोजन में कोई आपत्ति नहीं है.