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वैवाहिक जीवन के तनाव का पिता-पुत्र संबंधों पर असर

यदि किसी घर में पति-पत्नी के बीच छोटी-मोटी बातों को लेकर लगातार झगड़े हो रहे हैं और उससे बच्चों के साथ संबंधों पर असर पड़ रहा है, तो ऐसी स्थिति में थोड़ा ठहरकर विचार करना चाहिए कि आखिर किन कारणों से ऐसी स्थिति पैदा हो रही है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

यदि किसी घर में पति-पत्नी के बीच छोटी-मोटी बातों को लेकर लगातार झगड़े हो रहे हैं और उससे बच्चों के साथ संबंधों पर असर पड़ रहा है, तो ऐसी स्थिति में थोड़ा ठहरकर विचार करना चाहिए कि आखिर किन कारणों से ऐसी स्थिति पैदा हो रही है. विशेषज्ञों ने चेताया है कि पिताओं की नकारात्मक भावनाएं और तनाव उनकी शादी पर भारी हैं और बच्चों के साथ उनके रिश्ते को नुकसान पहुंचती है.

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डलास स्थित दक्षिणी मेथोडिस्ट युनिवर्सिटी की मनोवैज्ञानिक क्रिस्टिना डी. कुरोज ने कहा, ‘नतीजों से यह निष्कर्ष निकलता है कि शादी की गुणवत्ता प्रत्येक मां-बाप के बच्चों संग उनके रिश्ते से जुड़ी हुई है.’

इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए टीम ने 203 परिवारों का विश्लेषण किया, जहां परिजनों ने 15 दिनों तक दैनिक डायरी प्रविष्टियां पूरी कीं.

माताओं और पिताओं ने हर दिन के आखिर में उनकी शादी की गुणवत्ता और बच्चों संग उनके रिश्ते को नंबर दिए.

शोधकर्ताओं ने पाया कि अभिभावकों ने जिस दिन अपनी शादी में तनाव और कहासुनी दर्ज की, उसी दिन बच्चों के साथ उनकी बातचीत तनावपूर्ण रही.

कुरोज ने उल्लेख किया, ‘जिन परिवारों में माताएं अवसाद का संकेत दे रही थीं और पिताओं ने वैवाहिक जीवन में तनाव बढ़ने दिया, वहां नतीजे बच्चों के साथ कम या खराब बातचीत के रूप में सामने आए, यहां तक कि अगले दिन भी.’

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कुरोज ने 'फैमिली साइकोलॉजी' पत्रिका में प्रकाशित शोध में निष्कर्ष निकाला कि परिवार के लिए शादी एक 'रिश्ता केंद्र' है.

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