वे लोग जो अवसाद के शिकार हैं, अब उनकी पहचान मनुष्य के अंदर मौजूद सूक्ष्म कण (मॉलेक्यूल) से की जा सकती है. एक नए अध्ययन में इसका खुलासा किया गया है. शोध के मुताबिक मनुष्य के अंदर पाया जाने वाला एमआईआर-1202 उन लोगों में कम पाया जाता है जो अवसाद के शिकार होते हैं.
कनाडा के मांन्ट्रियल में स्थित एमसी गिल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और डगलस इंस्टीट्यूट के साइकेट्रिस्ट गुस्तवो तुरेकी का कहना है कि हमने स्वस्थ व्यक्ति और अवसादग्रस्त व्यक्ति में ब्रेक टिश्यूज का अध्ययन किया और उसकी तुलना की. इसमें पाया गया कि इस कण का अहम योगदान है. टीम ने कई सारे प्रयोग किए और पाया कि जो व्यक्ति अवसाद में नहीं हैं उनमें माइक्रो आरएनए का लेवल कुछ और होता है.
तुरेकी ने यह भी पाया कि यद्यपि एंटीडेस्प्रेंट्स साफ तौर पर प्रभावित करता है लेकिन इसके भी कई प्रकार होते हैं जो व्यक्ति के इलाज पर निर्भर करते हैं. यह अध्ययन अवसाद को कम करने के लिए इलाज में काफी प्रभावी साबित होगा. यह अध्ययन नेचर मेडिसिन नाम की पत्रिका में प्रकाशित हुआ था.