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तनाव दूर करती है मां की आवाज

क्या आप तनावग्रस्त हैं? क्या आप इस तनाव से मुक्ति पाना चाहते हैं? अगर हां, तो किसी डॉक्टर के पास जाने या कोई गोली लेने के बजाय बस अपना फोन उठाइये और अपनी मां से कर लीजिए थोड़ी देर तक बात. तनाव हो जाएगा छू मंतर.

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क्या आप तनावग्रस्त हैं? क्या आप इस तनाव से मुक्ति पाना चाहते हैं? अगर हां, तो किसी डॉक्टर के पास जाने या कोई गोली लेने के बजाय बस अपना फोन उठाइये और अपनी मां से कर लीजिए थोड़ी देर तक बात. तनाव हो जाएगा छू मंतर.

जी हां, शोधकर्ताओं ने एक नए शोध में पाया है कि मां की आवाज से तनावग्रस्त नसों को आराम मिलता है और फोन पर बात करना भी एक ‘जादू की झप्पी’ की तरह का प्रभाव डालता है.

डेली मेल की खबरों में कहा गया है कि इस शोध ने साबित किया है कि किसी भी उम्र के व्यक्ति को कैसे उम्र के मुश्किल दौर में मां की ममता सुकून देती है.

विस्कोंसिन-मैडिसन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने ऑक्सिटोसिन नामक हार्मान पर शोध किया. यह हार्मान यौनक्रिया, यौनाकषर्ण, विश्वास और आत्मविश्वास के लिए जिम्मेदार होता है.

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‘कडल कैमिकल’ नामक यह द्रव्य प्रसव के दौरान रक्त में मिल जाता है, बाद में मां के दूध के निर्माण में भी यह प्रयुक्त होता है. साथ ही बच्चे को मां के दूध में भी इसका असर होता है, जो मां और बच्चे के संबंध को और अधिक घनिष्ट करने का काम करता है.

शोधकर्ताओं के अनुसार जब यह द्रव्य मां के जरिये बच्चे में जाता है, तो इससे बच्चे में तनाव का स्तर कम होता है.{mospagebreak}

उन्होंने बताया कि शोध के दौरान भाषण देने और गणित के प्रश्न हल करने के लिए सात से 12 साल की लड़कियों का अलग अलग समूह बनाए गए. इस दौरान अंजाने लोगों को पैनल में रखा गया और तनाव से संबंधित कॉटिसॉल नामक हार्मान के स्तर को बच्चों में मापा गया.

शोध में एक तिहाई लड़कियों को उनकी मां के साथ कर दिया गया, एक तिहाई को उनकी मां से बात कराई गई, वहीं बाकी बची लड़कियों को फिल्म दिखाया गया. इसके बाद ऑक्सिटोसिन की मात्रा की जांच में पाया गया कि जिन लड़कियों का संपर्क अपनी मां से हुआ, उनमें ऑक्सिटोसिन का स्तर बढ़ गया. शोधकर्ताओं ने बताया कि जिन लड़कियों ने अपनी मां से फोन पर भी बात की थी, वह भी उन्हीं लड़कियों की तरह सामान्य और शांत थी, जो अपनी मां से मिली थीं.

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इस शोध के प्रमुख शोधकर्ता लेस्ली शेल्टजर ने कहा, ‘‘माना जाता था कि सामाजिक जुड़ाव के लिए शारीरिक तौर पर मिलने से ही ऑक्सिटोसिन बाहर आता है. लेकिन इन नतीजों से यह साफ है कि मां की आवाज का असर मां की झप्पी के बराबर ही है.’’

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