दिल के रोगी अब तक तो यही समझते थे कि वे जितना ज्यादा एक्सरसाइज करेंगे, उनके दिल की सेहत के लिए उतना ही अच्छा होगा. वैसे मरीज जिन्हें एक बार दिल का दौरा पड़ चुका है, उन्हें क्षमता से ज्यादा एक्सरसाइज करना महंगा पड़ सकता है. शोधकर्ताओं के निष्कर्ष में यह बात सामने आई है कि दिल के वैसे मरीज जिन्हें एक बार दिल का दौरा पड़ चुका था, उनकी मौत दिल के दौरे से इसलिए हुई, क्योंकि वे क्षमता से ज्यादा एक्सरसाइज कर रहे थे.
शोधकर्ताओं ने शारीरिक रूप से सक्रिय और एक बार दिल के दौरे का सामना कर चुके दिल के 2400 रोगियों का अध्ययन किया. अमेरिका में लॉरेंस बार्कले नेशनल यूनिवर्सिटी के जीवन विज्ञान के पाउल टी. विलियम्स ने कहा, ‘वैसे मरीज जिन्होंने हर हफ्ते 48 किलोमीटर से कम दूरी की दौड़ लगाई या टहलकर 73 किलोमीटर की दूरी तय की, वैसे लोगों की मौत में 65 फीसदी तक की कमी देखी गई.’
मायो क्लिनिक प्रोसिडिंग्स में प्रकाशित रिपोर्ट में विलियम ने कहा, ‘परिणाम से यह स्पष्ट हुआ कि दौड़ने या टहलने का लाभ एक सीमा तक ही मिला. प्रति सप्ताह 48 किलोमीटर या उससे ज्यादा की दौड़ से जोखिम बढ़ने का खतरा सामने आया.’ दिल के रोगियों के लिए एक्सरसाइज एक सीमा तक ही लाभदायी है. अगर उस सीमा को पार करते हैं, तो जोखिम बढ़ने का खतरा होता है.