अभिभावकों के लिए अच्छी खबर है. एक नये अध्ययन से खुलासा हुआ है कि जो बच्चे दिन के समय अधिक सक्रिय होते हैं वे जल्दी सोते हैं और रात गहरी नींद लेते हैं. मोनाश विश्वविद्यालय के एक अंतरराष्ट्रीय दल ने अपने अध्ययन में पाया कि चंचल बच्चों को केवल 26 मिनट में नींद आ जाती है जबकि औसत बच्चे सोने में कम से कम 45 मिनट का समय लेते हैं.
चंचल बच्चों को जल्द आती है नींद
अनुसंधानकर्ताओं ने पांच सौ बच्चों के सोने के पैटर्न के विश्लेषण के आधार पर अपना निष्कर्ष निकाला है. अध्ययन के अनुसार ज्यादा सक्रिय न रहने वाले बच्चों को नींद आने में समय लगता है. अध्ययन में जिन बच्चों को शामिल किया गया, उन्हें 26 मिनट में नींद आ गयी जबकि अधिकतर बच्चों को नींद आने में 45 मिनट का समय लगा.
गहरी नींद सोते हैं चंचल बच्चे
अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि चंचल बच्चे कम सक्रिय बच्चों की तुलना में गहरी नींद सोते हैं. टीवी देखने से उसी प्रकार का प्रभाव उत्पन्न होता है जैसा पढ़ने से. शारीरिक रूप से दोनों असक्रिय कार्यों के कारण बच्चों ने सोने में लंबा समय लिया.
काफी महत्वपूर्ण होते हैं नींद
विश्वविद्यालय के अध्ययन के अनुसार कम नींद का संबंध मोटापे और अपेक्षाकृत कम बोधात्मक कार्यों, बच्चों की नींद पर समुदाय में कम महत्व देने से होता है. बच्चों के लिए नींद काफी महत्वपूर्ण है. अनुसंधानकर्ताओं ने कहा, ‘‘इस अनुसंधान का जोर न सिर्फ बच्चों के चुस्त रहने के लिए शारीरिक क्रियाकलापों पर बल्कि उनके दिल के स्वस्थ रहने और उनके मोटापे के नियंत्रण के लिए भी है.