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प्लास्टिक चप्पल पहनने से पहले जरा रुकें

प्लास्टिक की फैंसी चप्पलों को अपने पैरों में डालने से पहले रूकें, कहीं ये चप्पल आपके स्वास्थ्य और पर्यावरण के निए खतरा तो नहीं.

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प्लास्टिक की फैंसी चप्पलों को अपने पैरों में डालने से पहले रूकें, कहीं ये चप्पल आपके स्वास्थ्य और पर्यावरण के निए खतरा तो नहीं. एक अध्ययन में बताया गया है कि प्लास्टिक की इन चप्पलों में हानिकारक तत्व होते हैं जो स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए नुकसानदेह होते हैं. स्वीडिश सोसाइटी फॉर नेचुरल कंजर्वेशन द्वारा कराये गये अध्ययन के अनुसार दुनिया भर में बनने वाले प्लास्टि के जूते और चप्पलो में फ्थेलेट्स, भारी धातु और अन्य नुकसानदेह पदार्थ होते हैं.

लिंग तक पर पड़ता है असर
सोसाइटी के अध्यक्ष मिखाइल कैरिसन ने कहा, ‘‘हमने दुनिया भर में बिकने वाले प्लास्टिक के जूतें और चप्पलों का परीक्षण किया. हमने पाया कि 27 जोड़े जूते और चप्पलो में से 17 जोड़ों में जहरीले पदार्थ मौजूद थे.’’ फ्थेलेट्स का उपयोग पीवीसी प्लास्टिक को मुलायम करने में किया जाता है. स्वास्थ्य पर इसके घातक असर होते हैं. कैरिसन ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘जानवरों पर किए गए प्रयोगों से यह मालूम चला कि कुछ फ्थेलेट्स से भ्रूण पर भी असर पड़ता है और उसका लिंग तक बदल सकता है. इससे कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचता है.’’

भारत सहित कई देशों ने अध्‍ययन में लिया हिस्‍सा
भारत का टॉक्सिक लिंक्स इस अध्ययन में साझीदार था. इसके अलावा इसमें फिलिपिंस, दक्षिण अफ्रीका, यूगांडा, तंजानिया और इंडोनेशिया की पर्यावरण संस्थाओं ने हिस्सा लिया. भारत में बनने वाले जूतों में जहरीले पदार्थों के बारे में टॉक्सीक लिंक्स के रवि अग्रवाल ने बताया, ‘‘भारत से लिए गए नमूनों में भी पीवीसी, कोबाल्ट और अन्य घातक पदार्थ पाये गए.’’

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