नींद और खुदकुशी का गहरा संबंध है. एक अध्ययन के दौरान यह बात सामने आई है कि नींद न आने या बहुत कम नींद आने की परेशानी से ग्रस्त बुजुर्गों के खुदकुशी करने का जोखिम बढ़ जाता है. अमेरिका में स्टेफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के रेबेका बर्नर्ट ने कहा, ‘मेरा सुझाव है कि बुजुर्गों में खुदकुशी रोकने के लिए हम उनकी गतिविधि खासकर नींद पर ध्यान दें.’
शोधकर्ताओं ने कम नींद या नींद न आने की समस्या से जूझ रहे बुजुर्गों में खुदकुशी के जोखिम का 10 वर्षों तक अवलोकन किया. वैसे लोग जिन्हें ठीक से नींद नहीं आती थी, उनकी खुदकुशी का जोखिम 1.4 गुना ज्यादा पाया गया. जब शोधकर्ताओं ने 10 वर्षों के अवलोकन के दौरान उनके तनाव पर नियंत्रण किया, तो लोगों में खुदकुशी का जोखिम 1.2 गुना अधिक पाया गया.