पर्दे पर फिल्मी स्टार की बॉडी युवाओं को खूब लुभाती है. और जिम जाने वाला हर युवा उनके जैसा ही बनना चाहता है. जिम में घंटों पसीना बहाना और डाइट सप्लीमेंट लेना नई जेनरेशन का शगल है.
आमतौर पर एक स्वस्थ मनुष्य को किसी भी फूड सप्लीमेंट की जरूरत नहीं होती. पर बॉडी बिल्डिंग करने वाले लोगों को प्रोटीन, सोडियम, काबोर्हाइड्रेट और पोटेशियम की ज्यादा आवश्यकता होती है. इसे खानपान में बदलाव करके भी पूरा किया जा सकता है. अगर खानपान में बदलाव नहीं कर सकते तो इन तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए डॉक्टर की सलाह से अच्छे फूड सप्लीमेंट लिए जा सकते हैं.
सप्लीमेंट्स के प्रकार:
प्रोटीन पाउडर: शरीर की प्रोटीन जरूरत को पूरा करता है.
क्रेटीन: मांसपेशियों का घनत्व बढ़ाता है.
ग्लूटामिन: एक्सरसाइज के दौरान शरीर में हुई रसायन की कमी को पूरा करता है और मसल्स के आकार को कम होने से रोकता है.
काबरे: काम करने की ऊर्जा देता है.
अमीनो एसिड: एक्सरसाइज के तुरंत बाद लिया जाता है, प्रोटीन का ही काम करता है.
अगर आप बॉडी बिल्डिंग कर रहे हैं तो इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
डॉक्टरों के मुताबिक स्टेरॉयड का इस्तेमाल सिर्फ विशेषज्ञ की सलाह पर करना चाहिए. लेकिन ज्यादातर युवा जल्दी से जल्दी बॉडी बनाने के चक्कर में डॉइट सप्लिमेंट का सहारा लेते हैं, जिनसे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. जानकार मानते हैं कि स्टेरॉयड युक्त डाइट सप्लिमेंट खाने से नपुंसकता, हार्मेन से जुड़ी बीमारियां और हार्ट अटैक हो सकता है. स्टेरॉयड>
सेहत बनाने के लिए स्टेरॉयड लेने से उनका मानसिक संतुलन गड़बड़ा जाता है. स्टेरॉयड शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को धीरे-धीरे खत्म कर देता है. ऐसे में देखने में बलशाली शरीर भी अंदर से खोखला हो जाता है. स्टेरॉयड शरीर में प्रोटीन को सक्रिय करता है. इससे मांसपेशियां फूल जाती है और शरीर सुडौल दिखता है. लेकिन ये श्वेत रक्त कणिकाओं पर बुरा असर डालता है, जिससे प्रतिरोधक क्षमता खत्म होने लगती है.
खुद जिम इंसट्रक्टर भी मानते हैं कि बॉडी बनाने के लिए डाइट सप्लीमेंट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. जी हां, बॉडी बनाइए, फिट रहिए लेकिन साथ ही अपनी सेहत को लेकर सावधान रहिए. वरना, अच्छी बॉडी की ये चाहत आगे जाकर आपकी जिंदगी बर्बाद कर सकती है.