दिल के रोगों के लिए भी अब एक टीका होगा. कई अन्य वीमारियों के टीके की तरह इसे भी लगाकर दिल की बीमारियों के प्रति निश्चिंत हो सकते हैं.
वैज्ञानिक दुनिया के ऐसे पहले टीके के विकास के बिल्कुल करीब हैं. यह टीका धमनियों में प्रतिरक्षा आधारित सूजन को कम करेगा, जिससे प्लैक के जमाव में कमी आएगी. शुरुआती खोज के दौरान चूहे में अथेरोस्केलोरॉटिक प्लैक की मात्रा को कम करने के लिए स्वप्रतिजन-विशेष (ऑटोएंटीजेन स्पेसिफिक) टीके के विकास के सकारात्मक संकेत मिले हैं.
अथेरोस्केलोरॉसिस धमनी की दीवारों में सूजन की बीमारी है, जिसमें कॉलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड (वसा) के जमाव से दीवारें मोटी हो जाती हैं.
अमेरिका के वायन स्टेट यूनिवर्सिटीज स्कूल ऑफ मेडीसिन के इम्यूनोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर हार्ले सी ने कहा, ‘टी-सेल पेप्टाइड वैक्सीन दिल की बीमारियों को रोकने में मदद कर सकता है, बीमारी को बढ़ने से रोक सकता है या कम कर सकता है. यह टीका स्ट्रोक को रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जो धमनियों में प्लैक के जमाव के परिणामस्वरूप होता है.’
यह खोज लो जोला इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इम्यूनोलॉजी (एलआईएआई) के प्रख्यात वैस्कुलर बायोलॉजिस्ट क्लाउस ले की प्रयोगशाला में की गई है.