एक समय था जब एयर कंडिशनर विलासिता का दूसरा नाम था, लेकिन जैसे-जैसे जीवनशैली में बदलाव हुआ और आम आदमी खासकर मिडिल क्लास की खरीद क्षमता बढ़ी, AC एक जरूरत बन गया.
गर्मियों के मौसम में एयर कंडिशनर अब जरूरत भी है और समय के साथ स्टेटस की मांग भी. दुनियाभर की तमाम छोटी-बड़ी कंपनियां इसका निर्माण कर रही हैं. विंडो और स्प्लिट के बाद अब पोर्टेबल एसी भी बाजार में उपलब्ध है. लेकिन एक बड़ी उलझन इस ओर है कि कौन सा एसी खरीदा जाए. एसी की क्षमता क्या हो और कौन सा वेरिएंट बेहतर होगा. वैसे अगर आप भी इन सवालों में उलझे हैं तो आपके लिए हमारे पास कुछ जवाब हैं-
साइज या कैपेसिटी
एसी खरीदने के क्रम में सबसे बड़ी उलझन उसके साइज या कैपेसिटी को लेकर होती है. यह सीधे तौर पर कमरे, हॉल या उस स्थान के
साइज पर निर्भर करता है, जहां एसी को इंस्टॉल किया जाना है. क्योंकि बड़े कमरे या जगह में छोटा एसी घंटों बिजली की खपत के बाद
भी कोई खास कारगर होता नहीं है.
स्क्वॉयर फीट के लिहाज से अगर आपके कमरे का फ्लोर 90Sqft से छोटा है तो आपके लिए 0.8 टन का एसी पर्याप्त है. जबकि 90- 120Sqft वाली जगह के लिए 1.0 टन का एसी, 120-180Sqft जगह के लिए 1.5 टन का एसी और 180Sqft से बड़ी जगह के लिए 2.0 टन का एसी खरीदना सही रहेगा.
बिजली की खपत
एसी खरीदने के क्रम में दूसरी सबसे जरूरी बात यह देखने की है आपका एसी कितीन बिजली खपत करता है. क्योंकि महीने के आखिरी
में बिल आपको ही चुकाना है. अच्छी बात यह है कि अब हर इलेक्ट्रॉनिक सामान पर बिजली की बचत को लेकर स्टार रेटिंग चस्पा होता
है. जितनी ज्यादा स्टार रेटिंग उतनी ज्यादा प्रोडक्ट की कीमत. लेकिन एसी खरीदने के क्रम में कम से कम तीन स्टार रेटिंग वाला
प्रोडक्ट लेना ही सही रहेगा.
विंडो, स्प्लिट या पोर्टेबल
एसी के तीनों वेरिएंट की अपनी-अपनी खूबियां हैं. विंडो एसी अन्य दो वेरिएंट के मुकाले थोड़ा सस्ता होता है. लेकिन इसमें आवाज थोड़ी
ज्यादा होती है. यह सिंगल रूम और छोटे कमरों के लिए बेहतरीन है. आसानी से इंस्टॉल होता है. लेकिन खूबसूरती के मामले में स्प्लिट
एसी से पिछड़ जाता है.
इसमें इसके कंपोनेंट को बाहर कहीं भी इंस्टॉल करने की सुविधा रहती है. एयर फ्लो ज्यादा होने के कारण यह बड़े कमरों के लिए उपयुक्त है. कंपोनेंट बाहर इंस्टॉल होता है, लिहाजा चलने के क्रम में शोर नहीं होता. दिखने में भी खूबसूरत होता है. लेकिन विंडो एसी के मुकाबले थोड़ा महंगा होता है. एक बड़े कमरे या हॉल को ही ठंडा कर पाता है. यह दो हिस्सों में होता है, जिसमें एक हिस्सा कमरे के बाहर या छत पर लगाया जाता है और दूसरा कमरे के अंदर. यानी इसे एक कमरे या जगह में फिक्स करना पड़ता है. जगह बदलने की सुविधा नहीं होती.
पोर्टेबल एसी भी इन दिनों खूब चलन में है. इसके साथ सबसे बड़ी सुविधा या खूबी यह है कि इसे सुविधा अनुसार कमरे के किसी कोने में या जरूरत के हिसाब से हॉल के किसी एरिया में रखा जा सकता है. इंस्टॉलेशन का झंझट नहीं है. आप खुद भी इसे एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट कर सकते हैं.
फिल्टर, एयर फ्लो, स्विंग
एक अच्छे एसी का चुनाव इसलिए मायने में भी महत्वपूर्ण है कि आप उसकी हवा में सांस भी लेते हैं. यानी एसी में बढ़िया फिल्टर का
लगा होना जरूरी है. एयर फ्लो यह तय करता है कि आपका एसी कितनी देर में कमरे को ठंडा कर सकता है. जरूरी है एसी में कूलिंग
स्पीड को तय करने की सुविधा हो. कम से कम दो फैन की स्पीड हो, जिसे आप अपने हिसाब से ऑन कर सकें. स्प्लिट और पोर्टेबल
एसी में स्विंग की सुविधा होती है. अब कुछ विंडो एसी में भी यह फीचर आने लगे हैं, हांलाकि यह थोड़ा महंगा भी होता है.
एसी को समय-समय पर सर्विसिंग की भी जरूरत होती है. यह न सिर्फ इसलिए जरूरी है कि आपका एसी सालों-साल चले, बल्कि
इसलिए भी कि आपके एसी की सफाई हो और वह स्वच्छ हवा दे.
अन्य जरूरी बातें
कई एसी में टाइमर की भी सुविधा होती है. यह एलार्म की तरह का फीचर है, जिसे सेट करने पर यह नियत समय पर चालू और एक
नियत समय पर बंद हो जाता है. इससे आपके बिजली की खपत कम होती है और कमरा जरूरत से ज्यादा ठंडा भी नहीं होता. इसके
लिए कई एसी में सेंसर भी लगे होते हैं जो कमरे के तापमान को मापते हैं.
वोल्टेज स्टैबेलाइजर
एसी के साथ अमूमन वोल्टेज स्टैबेलाइजर खरीदने की भी सलाह दी जाती है. यह सही भी है और जरूरी भी. अगर आपका एसी 0.5-0.8
टन का है तो इसके साथ 2KVA का स्टैबेलाइजर सही रहेगा. 1.0 टन से 1.2 टन के एसी के लिए 3KVA का, 1.2-1.6 टन के एसी के
लिए 4KVA का, 2.0-2.5 टन के लिए 5KVA और 3 टन से अधिक क्षमता वाले एसी के लिए 6KVA का स्टैबेलाइजर लेना ठीक
रहेगा.