अगर आप ये सोचते हैं कि दिमाग आपके शरीर के ऊपरी हिस्से सिर में पाया जाता है तो आपका संभव है आपका ज्ञान अधूरा है. एक ताजा स्टडी के मुताबिक, इंसानों की रीढ़ की हड्डी में भी एक दिमाग होता है, जो हमें गिरने या फिसलने से बचाता है.
स्टडी के मुताबिक, यह दिमाग हमें भीड़ के बीच से गुजरते वक्त या सर्दियों में बर्फीली सतह से गुजरते वक्त संतुलन बनाने में मदद करती है और फिसलने या गिरने से बचाती है. इस तरह के कार्य अचेतन अवस्था में होते हैं. हमारी रीढ़ की हड्डी में मौजूद तंत्रिका कोशिकाओं के समूह संवेदी सूचनाओं को इकट्ठा कर मांसपेशियों के आवश्यक समायोजन में मदद करते हैं.
कैलिफोर्निया स्थित एक स्वतंत्र वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान 'साल्क' के जीवविज्ञानी मार्टिन गोल्डिंग के मुताबिक, हमारे खड़े होने या चलने के दौरान पैर के तलवों के संवेदी अंग इस छोटे दिमाग को दबाव और गति से जुड़ी सूचनाएं भेजते हैं. इस स्टडी के जरिए हमें हमारे शरीर में मौजूद 'ब्लैक बॉक्स' के बारे में पता चला. हमें आज तक नहीं पता था कि ये संकेत किस तरह से हमारी रीढ़ की हड्डी में इनकोड और संचालित होते हैं.
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तकनीक के इस्तेमाल से इन्होंने तंत्रिका फाइबर का पता लगाया है, जो पैर में लगे संवेदकों की मदद से रीढ़ की हड्डी तक संकेतों को ले जाते हैं. इन्होंने
पता लगाया है कि ये संवेदक फाइबर आरओआरआई न्यूरॉन्स नाम के तंत्रिकाओं के अन्य समूहों के साथ रीढ़ की हड्डी में मौजूद होते हैं.
- इनपुट IANS