यूं तो कमोबेश सभी को यह बात मालूम है कि सिगरेट पीना सेहत के लिए नुकसानदेह है लेकिन एक ताजा अध्ययन में कहा गया है कि धूम्रपान से इंसान अवसाद का शिकार हो सकता है.
यूनिवर्सिटी ऑफ ओटागो की अगुवाई में शोधकर्ताओं की ओर से किए गए अध्ययन में पाया गया कि निकोटिन पर निर्भर शख्स में एक आम इंसान की बनिस्बत अवसाद का शिकार होने
की दोगुनी आशंका रहती है.
इस अध्ययन में 1,000 से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया था. उनसे 18, 21 और 25 साल की उम्र में धूम्रपान संबंधी उनकी आदतों के बारे में पूछा गया. उनसे यह भी पूछा गया
कि क्या उनमें अवसाद के लक्षण हैं.
अध्ययन के नतीजों के सांख्यिकीय विश्लेषण में पाया गया कि धूम्रपान से अवसाद के चपेट में आने के खतरे में इजाफा होता है.
इस शोध की अगुवाई करने वाले प्रोफेसर डेविड फर्ग्यूसन ने कहा ‘हमारे नतीजों में पाया गया कि धूम्रपान और अवसाद के बीच कारण और प्रभाव का एक रिश्ता है जिसमें सिगरेट पीने से
अवसाद की चपेट में आने का खतरा बढ़ता है.’ डेविड ने कहा ‘इस रिश्ते के कारणों का पता नहीं चल पाया है. बहरहाल, यह मुमकिन है कि निकोटिन से दिमाग में न्यूरोट्रांसमिटर गतिविधियों में बदलाव आता हो जिससे अवसाद का जोखिम बढ़ता हो.’
बहरहाल, डेविड ने जोर देकर कहा कि अध्ययन से यह साबित नहीं होता कि धूम्रपान से अवसाद पैदा होता है लेकिन इसका खतरा बढ़ जरूर जाता है.