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तेज दिमाग के लिए जरूरी है अच्छी नींद

आज के भागते-दौड़ते जीवन में लोगों की याददाश्त पर काफी असर पड़ रहा है. कभी-कभी हम भाग-दौड़ में काफी अहम चीजों को कमजोर याददाश्त की वजह से भूल जाते हैं. शोधकर्ताओं के मुताबिक, एक अच्छी नींद ही तेज दिमाग की चाभी है.

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आज के भागते-दौड़ते जीवन में लोगों की याददाश्त पर काफी असर पड़ रहा है. कभी-कभी हम भाग-दौड़ में काफी अहम चीजों को कमजोर याददाश्त की वजह से भूल जाते हैं. शोधकर्ताओं के मुताबिक, एक अच्छी नींद ही तेज दिमाग की चाभी है.

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शोधकर्ताओं का कहना है कि अच्छी नींद लेने के बाद हम उन तथ्यों को याद रखने में सक्षम होते हैं, जो हम कभी-कभार जागते हुए भी याद नहीं रख पाते हैं. ब्रिटेन की एक्सीटर यूनिवर्सिटी के निकोलस डुमे का कहना है कि नींद के कारण हम अपने दिमाग में छिपी कई चीजों को याद कर सकते हैं.

अच्छी नींद याददाश्त को रखती है बरकरार
अच्छी नींद से याददाश्त को बरकरार रखने की जो क्षमता मिलती है, उससे ये संकेत मिलते हैं कि कुछ स्मृतियां सारी रात नींद के दौरान और भी तेज होती रहती हैं. यह इस धारणा का समर्थन करता है कि सोते हुए हम महत्वपूर्ण जानकारियों का अभ्यास करते हैं.

जहां एक तरफ लोग 12 घंटे तक जागने के कारण कुछ जानकारियों को भूल जाते हैं, वहीं दूसरी तरफ रातभर की नींद से हम उन जानकारियों को आसानी से याद कर पाते हैं, जिन्हें शुरुआती तौर पर जागते हुए याद करने में एक हफ्ते का समय लगता है.

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डॉ. डुमे का मानना है कि मस्तिष्क में टेम्पोरल लोब की एक आंतरिक संरचना हिप्पोकैम्पस के ही कारण याददाश्त को बनाए रखने का बढ़ावा मिलता है, यह इंसान के मस्तिष्क में दबी हुई चीजों को बाहर लाता है और उन्हें मूल रूप से दिमाग के उसी छिपे हुए स्थान पर फिर से रीप्ले करता है. इस रीप्ले के कारण हम दिनभर में हुए महत्वपूर्ण अनुभवों को अपने मस्तिष्क में जीवित रख पाते हैं.

नींद के दौरान रीविजन
शोध के दौरान टीम ने उपन्यास के पढ़े गए शब्दों को दोहराया, जो उन्होंने नींद से पहले अध्ययन किया था. इसके बाद जब उनसे दोनों स्थितियों के दौरान अध्ययन की गई चीजों को दोहराने के लिए कहा गया तो इससे ये तथ्य सामने आया कि जागते रहने की तुलना में इंसान नींद के दौरान अध्ययन की गई चीजों को दोहराने में ज्यादा सक्षम होता है.

इस तथ्य पर अधिक अभ्यास के बाद अंत में यही निष्कर्ष निकाला गया कि नींद न सिर्फ याददाश्त को बनाए रखने में मदद करती है, बल्कि उसे बेहतर तरीके से दोहराए जाने में भी मदद करती है.

इनपुट- IANS

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