आज तमाम मोटे मातम मना सकते हैं. क्योंकि आज एक ऐसे साइंटिफिक झूठ का पर्दाफाश हुआ है, जिसने कामचोर लोगों के मन में उम्मीद की झूठी लौ जला दी थी. एक रिसर्च से पता चला है कि इंसान के शरीर में एक्सरसाइज हॉर्मोन जैसी कोई चीज नहीं होती है.
यह बड़ी खबर है, क्योंकि अब तक यही बताया जा रहा था कि इंसानी शरीर में इरिसिन नाम का एक एक्सरसाइज हॉर्मोन बनता है. जब एक्सरसाइज करते हैं तो यह हॉर्मोन मसल्स से फैट टिशूज की तरफ जाता है. यह फैट को खत्म कर देता है. इससे मोटापा छंट जाता है. इसी रिसर्च के आधार पर ऐसी दवाइयों की बात की जाने लगी थी, जिन्हें खाने से इंसान का फैट खुद ब खुद बिना हाथ पैर हिलाए कम होने लगेगा.
नई रिपोर्ट के मुताबिक इरिसिन नाम के हॉर्मोन की खोज के लिए जो एंटीबॉडी इस्तेमाल की गई थी, वह खराब थी. यानी पिछले एक्सपेरिमेंट का पैमाना ही गड़बड़ था. ड्यूक यूनीवर्सिटी के प्रोफेसर हेरोल्ड एरिक्सन के मुताबिक पिछले एक्सपेरिमेंट के दौरान जिस अव्यव को हॉर्मोन कहा गया था, वह एक खास किस्म का ब्लड प्रोटीन था.