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स्वाइन फ्लूः क्या करें और क्या ना करें

स्वाइन फ्लू से पहले और बाद में अगर आप सावधानी रखेंगे तो इस बीमारी से बचा जा सकता है. अगर इस बीमारी के लक्षण दिखाई दें तो घबराएं नहीं क्योंकि इसका इलाज संभव है.

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स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू

स्वाइन फ्लू से पहले और बाद में अगर आप सावधानी रखेंगे तो इस बीमारी से बचा जा सकता है. अगर इस बीमारी के लक्षण दिखाई दें तो घबराएं नहीं क्योंकि इसका इलाज संभव है.

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क्‍या करें:
यह एक संक्रमण बीमारी है जो इंसान से इंसान को लगती है. जब कोई स्वाइन फ्लू का मरीज छींकता है तो उसके आसपास 3 फीट की दूरी तक खड़े व्यक्तियों के शरीर में इस फ्लू का वायरस प्रवेश कर जाता है. अतः आप मरीज से कम से कम 6 फीट की दूरी बना कर रखें.

यदि कोई व्यक्ति अपने छींकते समय मुंह और नाक को हाथ से ढक लेता है तो फिर यदि वह जहां कहीं भी उस हाथ को लगाता है (दरवाजे, खिड़कियां, मेज, कीबोर्ड इत्यादि) वहां यह वायरस चिपक जाता है और फिर वहां से किसी अन्य व्यक्ति के हाथों पर लगकर शरीर में दाखिल हो जाता है.

आप इन निम्‍नलिखित बातों का ध्‍यान रख कर फ्लू को खुद से दूर रख सकते हैं:
1. छींकते समय टिश्यू पेपर से मुंह, नाक को ढकें और फिर उस पेपर को फौरन सावधानी से कचरे के डिब्बे में डाल दें.
2. अपने हाथों को लगातार साबुन से धोते रहें अपने घर, ऑफिस के दरवाजों के हैंडल, की-बोर्ड, मेज आदि साफ करते रहें यदि आपको जुकाम के लक्षण दिखाई दें तो घर से बाहर और दूसरों के नजदीक ना जाएं.
3. यदि आपको बुखार आई हो तो उसके ठीक होने के 24 घंटे बाद तक घर पर रहें.
4. लगातार पानी पीते रहें ताकि डिहाइड्रेशन ना हो.
5. घर से बाहर निकल रहे हों तो फेसमास्क पहनकर ही निकलने की कोशिश करें.

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स्वाइन फ्लू की आशंका होने पर क्या करें?
अपनी तबीयत पर गौर करें और यदि आपको बुखार लग रही हो, खांसी आ रही हो, गले में जलन हो रहा हो और सांस लेने में तकलीफ हो रही हो तो तत्काल अपने शहर के नजदीकी अस्पताल में जाकर इसकी जांच करवाएं.

स्‍वाइन फ्लू के लक्षण
स्वाइन फ्लू के लक्षण वैसे तो तो सामान्य जुकाम जैसे ही होते हैं.
1. इस दौरान 100.4°F तक की बुखार आती है.
2. भूख कम हो जाती है और नाक से पानी बहता है.
3. कुछ लोगों को गले में जलन, उल्टी और डायरिया भी हो जाता है.
जिस किसी को भी स्वाइन फ्लू होता है उसमें उपरोक्त लक्षण जरूर दिखाई देते हैं.

फ्लू और सामान्य सर्दी में भेद कैसे करें?
जब सामान्य सर्दी लगती है तो वह जल्द ही ठीक भी हो जाती है लेकिन फ्लू होने पर वह जल्दी ठीक नहीं होता और उसका प्रभाव अधिक घातक होता है. शरीर में कमजोरी आ जाती है, भूख नहीं लगती और बुखार आती-जाती रहती है. सरदर्द होता है और गले में जलन भी.

क्‍या न करें
1. भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक जगहों पर न जाएं.
2. बिना मास्‍क पहने अस्‍पताल में दाखिल न हों.
3. अनजान लोगों से हाथ मिलाने और गले मिलने से बचें.
4. खुली जगहों पर ना थूकें.
5. उन देशों का सफर ना करें, जहां स्वाइन फ्लू के मामले पाए गए हैं.
6. खांसते समय मुंह को ढंकना न भूलें.
7. खांसने, छींकने या नाक साफ करने के बाद आंख, नाक और मुंह पर हाथ कतई न लगाएं. शरीर के ये हिस्से सबसे जल्दी फ्लू की चपेट में आते हैं.

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