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ये हैं स्वाइन फ्लू के लक्षण, ऐसे बचें

स्वाइन फ्लू से पहले और बाद में अगर आप सावधानी रखेंगे तो इस बीमारी से बचा जा सकता है. अगर इस बीमारी के लक्षण दिखाई दें तो घबराएं नहीं क्योंकि इसका इलाज संभव है.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

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अगर किसी व्यक्ति को खांसी, गले में दर्द, बुखार, सिरदर्द और उल्टी के लक्षण हैं, तो स्वाइन फ्लू की जांच करानी चाहिए. इस स्थिति में दवाई केवल चिकित्सक की निगरानी में ही ली जानी चाहिए.

हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने एक बयान में कहा है, 'स्वाइन फ्लू में खांसी या गले में खराश के साथ तेज बुखार हो सकता है. निदान की पुष्टि आरआरटी या पीसीआर तकनीक से किए गए लैब टैस्ट से होती है.'

स्वाइन फ्लू के लक्षण-

हल्का फ्लू या स्वाइन फ्लू में बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, ठंड और कभी-कभी दस्त और उल्टी के साथ आता है. हल्के मामलों में, सांस लेने में परेशानी नहीं होती है. लगातार बढ़ने वाले स्वाइन फ्लू में छाती में दर्द के साथ उपरोक्त लक्षण, श्वसन दर में वृद्धि, रक्त में ऑक्सीजन की कमी, कम रक्तचाप, भ्रम, बदलती मानसिक स्थिति, गंभीर निर्जलीकरण और अंतर्निहित अस्थमा, गुर्दे की विफलता, मधुमेह, दिल की विफलता, एंजाइना या सीओपीडी हो सकता है.'

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि गर्भवती महिलाओं में, फ्लू भ्रूण की मौत सहित अधिक गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है. हल्के-फुल्के मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन गंभीर लक्षण होने पर मरीज को भर्ती करने की आवश्यकता हो सकती है.

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उन्होंने कहा है कि सितंबर माह में बेंगलुरू में सकारात्मक एच1एन1 मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है. अक्टूबर के पहले सप्ताह के दौरान 68 सकारात्मक मामले सामने आए थे, जो कुछ ही दिनों में 21 और बढ़ गए. ऐसे में सावधानी सबसे बड़ा उपाय है.

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