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पहली छाप नहीं हो पाई साफ...

अकसर उम्र के एक जवां मोड पर नजरें चलते फिरते भी कई चेहरों पर थम जाती हैं. और फिर एक युवा दिल जुट जाता है दूसरे हसीन दिल को लुभाने में.

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अकसर उम्र के एक जवां मोड पर नजरें चलते फिरते भी कई चेहरों पर थम जाती हैं. और फिर एक युवा दिल जुट जाता है दूसरे हसीन दिल को लुभाने में. लेकिन उस वक्‍त एक बेबस दिल क्‍या करे, जब वह हसीन चेहरा आपको ताकने से पहले किसी और चेहरे पर जा अटके.

अब आप पुरानी महफिलों की पुरानी बातों को याद कर कर ज्‍यादा रुस्‍वा न हों. जो बीत गया सो तो बीत गया, लेकिन हां, आप अगर अब किसी पार्टी में जाने वाले हैं और तो इस बार वही गलती होने से खुद को बचा सकते हैं. और फिर इस डर को भी निकाल दीजिए कि आपसे पहले उनकी निगाहें किसी और को ताक लेंगी, तो आपका पत्‍ता साफ हो जाएगा. अरे भई वो किसी और को देखती हैं, तो देखती रहें, महफिल के अंत में दिल तो उनका आप पर ही आना है.

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वह कैसे तो जनाब जब वह किसी और को ताकने लग जाएं, तो कन्‍नी काटने के बजाए उनके सामने जाएं एक बेहतर विकल्‍प बन कर...
 
तैयार रहें भावनाओं को झकझोरने के लिए
एक बात तो तय है कि आप पर नजर पड़ने से पहले ही वह किसी और पर निगाहें टिका चुकी हैं. लेकिन जरूरी तो नहीं कि वह पुरुष इस बात से अवगत हो. इसलिए समय बरबाद किए बिना ही उन्‍हें अपनी और आकर्षित करने में जुट जाएं. एक अच्‍छा विकल्‍प यह है कि आप उनके सामने चेहरे पर सुंदर भावों के साथ जाएं. एक ऐसे पुरुष के बजाए वह आपको देखना ज्‍यादा पसंद करेंगी, जो भावरहित है और उनकी उपस्थिति का जिस पर कोई असर नहीं पड़ता. 
 
{mospagebreak}बातें वही, जो बात बना दें
हर इंसान की अपनी अलग पसंद होती है. अगर आप किसी से बात करते हैं तो यह जरूरी हो जाता है कि आप एक दूसरे की पंसदनापसंद का ध्‍यान रखें. इसलिए जब भी आप मोहतरमा की ओर बढें, तो इस बात को ध्‍यान में रखकर. जब उनसे बात करें तो बस बोलते ही न जाएं, उन्‍हें कहने का मौका भी दें. अच्‍छी बातचीत उन्‍हें आपके करीब ला सकती है.
 
अखियां मिला के...
जब उनसे बात करें तो आंखें मिला कर. अगर आप उनकी बातें सुनते समय उनसे आंखें नहीं मिलाएंगे, तो उन्‍हें यह आभास होगा कि आपका ध्‍यान उनकी बातों में नहीं है. इसलिए जब भी उनसे बात करें या उनकी बात सुनें, तो आंखों को मिलने से न रोकें. अपनी नजरों में उनके लिए स्‍नेह को जाहिर करें. उनसे तवज्‍जोह पाना चाहते हैं, तो पहले उन्‍हें तवज्‍जोह दें.
 
बचें खुली किताब बनने से
अगर आपके मन में यह बात है कि आप उनके सामने खुली किताब बन जाएंगे, तो वह आपके करीब आ जाएंगी. तो जनाब आप बिलकुल गलत सोच रहे हैं. क्‍योंकि महिलाएं इसे बड़बोलापन और बातूनी का नाम देती हैं.

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