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ये खास चीज हमेशा बैग में रखती हैं महिलाएं, बन चुका है ट्रेंड

छेड़छाड़ की घटनाओं से ज्यादा चिंता उन महिलाओं को रहती है जिन्हें किसी वजह से बाहर जाना पड़ता है. चाहे ऑफिस जाना हो या फिर कॉलेज, डर बना रहता है. ऐसे में जहां एक ओर लड़कियां आत्मरक्षा के लिए मार्शल आर्ट सीख रही हैं तो वहीं कुछ महिलाएं अपनी सुरक्षा के लिए अन्य तरीके अपना रही हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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देश के महानगरों में आए दिन महिलाओं से छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आती रहती हैं. पिछले कुछ सालों में छेड़छाड़ और उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं से महिलाएं महानगरों में असुरक्षित महसूस करने लगी हैं. इनसे निपटने के लिए महिलाएं अपनी सहूलियत के हिसाब से तरीके भी निकाल रही हैं.

छेड़छाड़ की घटनाओं से ज्यादा चिंता उन महिलाओं को रहती है जिन्हें किसी वजह से बाहर जाना पड़ता है. चाहे ऑफिस जाना हो या फिर कॉलेज, डर बना रहता है. ऐसे में जहां एक ओर लड़कियां आत्मरक्षा के लिए मार्शल आर्ट सीख रही हैं तो वहीं कुछ महिलाएं अपनी सुरक्षा के लिए अन्य तरीके अपना रही हैं.

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किसी काम से बाहर जाने वाली लड़कियों और महिलाओं के बीच अपने बैग में पेपर स्प्रे रखने का चलन बढ़ा है. जिससे जरूरत पड़ने पर आत्मरक्षा के लिए इसका प्रयोग वे कर सकें. पेपर स्प्रे का इस्तेमाल अगर किसी की आंखों या चेहरे पर कर दिया जाए तो इसका असर 30 से 45 मिनट तक होता है. इसके अलावा इसका असर पानी से धुलने के बाद भी नहीं जाता है.

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पेपर स्प्रे को ओसी स्प्रे या मिर्च स्प्रे भी कहा जाता है. इसके प्रयोग के बाद आंखों में जलन और सूजन हो जाती है. तेज दर्द होता है और कुछ समय के लिए अंधापन भी आ जाता है. पेपर स्प्रे मुख्य रूप से मिर्च से निकाले गए केप्सिसीन तत्व से तैयार किया जाता है.  

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