हम किसी भिखारी को देखते हैं तो मन दुखी हो जाता है. दिल करता है इस बार सैलरी टाइम पर आ गई तो 100-200 दे दूंगा खूब खाएगा. फिर कभी लगता है सरकार की सब गलती है. कभी ना चाहते हुए भी एक-दो सिक्के उसकी तरफ बढ़ा देते हैं लेकिन एक भिखारी ऐसा भी है जिसकी कमाई जानकर आपको जलन होने लगेगी.
झारखंड के हैं छोटू बरई. उम्र है 40 साल. शरीर से दिव्यांग लेकिन पैसे से भरपूर. एक साल भीख मांगते हैं तो 4 लाख इकट्ठा हो जाते हैं. ना PF कटना है ना टैक्स देना है मतलब इन हैंड सैलरी है 30 हजार रुपये महीना.
दफ्तर है इनका चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन. ऐसा नहीं है कि इसका बिजनेस यहीं तक सीमित है. ये एक कम्पनी के पर्सनल केयर प्रॉडक्ट्स भी बेचते हैं और लोगों को उस कम्पनी का मेम्बर भी बनाते हैं.
हो सकता है आपकी सैलरी इनसे ज्यादा हो और आपको इनकी तरक्की से जलन ना हो रही हो तो बता दूं कि आप अभी इनके आस-पास भी नही हैं. तीन बीवियां हैं इनकी. वो भी कमाती हैं और सारे पैसे इन्हीं को देती हैं. फिर छोटू तीनों को बराबर सैलरी देते हैं.
छोटू बताते हैं, 'पहले पैसे कमाने की खूब कोशिश की लेकिन गरीब ही रहा. फिर मैंने भीख मांगनी शुरू की और कुल मिलाकर अब दिन के 1000-1200 कमा लेता हूं. साल भर में 4 लाख तक कमा लेता हूं'
हालांकि यह सिर्फ एक भिखारी की हालत है इसके आधार पर सभी भिखारियों के बारे में हमें धारणा बनाने से बचना चाहिए. हमारा देश अभी भी भुखमरी में किसी भी देश को टक्कर दे सकने में सक्षम है.