वैसे तो हममें से शायद ही कोई ऐसा हो जो दावे के साथ ये कहे कि उसे अपनी जिन्दगी से कोई शिकायत नहीं है और वो हर तरह से खुश है.
शायद ही कोई ऐसा हो जो ये कहे कि वो अपनी जिन्दगी से पूरी तरह से संतुष्ट है. किसी को नौकरी की चिंता होती है तो किसी को परिवार की. मौजूदा समय में तो वजन घटाना भी चिंता की एक वजह है. पर कई मायनों में महिलाओं की चिंता , पुरुषों की चिंता से अलग होती है.
कई बार ऐसा होता है कि महिलाओं के लिए जो बात बहुत गंभीर होती है वो पुरुषों को बिना मतलब लगती है और जिस बात से पुरुष बहुत अधिक प्रभावित होते हैं वो महिलाओं को बेकार नजर आती हैं . ज्यादातर महिलाओं के नजरिए से देखें तो इन कुछ बातों को लेकर वो जिन्दगीभर अफसोस करती रहती हैं.
- काश मैंने स्कूल टाइम में और मेहनत कर ली होती.
- डाइटिंग तो कर रही हूं पर वजन कम ही नहीं हो रहा है.
- मैंने गलत करियर चुन लिया.
- मुझे उस शख्स के साथ रात नहीं गुजारनी चाहिए थी.
- मुझे कोई भी कुछ भी कह कर चला जाता है और मैं सुन लेती हूं.
- मेरा कोई सच्चा दोस्त नहीं है.
- मैं एक अच्छी बेटी नहीं बन पायी.
- मेरे बच्चे नहीं हैं.
- मैं एक अच्छी मां नहीं बन पाई.
- मेरी शादी इससे बेहतर शख्स के साथ हो सकती थी.
- मैंने घर को चुना जबकि मैं करियर में बहुत अच्छा कर सकती थी.