रसीले फल तरबूज में प्रकृति द्वारा मुहैया कराए गए सर्वाधिक उपयोगी एंटीऑक्सीडेंट विटामिन सी और ए पाए जाते हैं जो कई बीमारियों से बचाव करने के लिए बहुत जरूरी होते हैं.
दुनिया के लगभग हर हिस्से में पाया जाने वाला तरबूज कुछ देशों में बारह महीने बाजार में उपलब्ध रहता है लेकिन गर्मी में इसकी मिठास और स्वाद तो पूछिये ही मत. कोई भी दूसरा फल तरबूज की तरह प्यास नहीं बुझा सकता . सेहत के मामले में भी यह फल लाजवाब है.
आहार विशेषज्ञ अनुजा अग्रवाल ने बताया कि विटामिन सी और विटामिन ए के प्रमुख स्रोत तरबूज में बीटा कैरोटिन की प्रचुरता रहती है. लाल तरबूज में कैरोटिन एंटीऑक्सीडेंट भी पाया जाता है जिसे लाइकोपेन कहते हैं.
उन्होंने बताया कि ये एंटीऑक्सीडेंट शरीर में पाए जाने वाले कुछ ऐसे तत्वों को उदासीन बनाते हैं जो सेहत के लिए नुकसान दायक होते हैं.
आहार विशेषज्ञ शिखा शर्मा कहती हैं कि लाइकोपेन पुरूषों में होने वाले प्रोस्टेट कैंसर का खतरा घटाते हैं . दिलचस्प बात यह है कि तरबूज एकमात्र ऐसा फल है जिसमें अन्य फलों और सब्जियों की तुलना में सर्वाधिक मात्रा में लाइकोपेन पाया जाता है.
गर्मी और तरबूज को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता. भारत में मानसून आ चुका है और तरबूज का मौसम विदा लेने जा रहा है. लेकिन कुछ पश्चिमी देशों में तीन अगस्त को इस रसीले फल के लिए समर्पित किया गया है.
उर्जा उत्पादन के लिए जरूरी विटामिन बी भी तरबूज में भरपूर होता है. आहार विशेषज्ञ गर्मियों में तरबूज खाने की सलाह इसलिए देते हैं क्योंकि इसमें विटामिन बी6, विटामिन बी1 तथा मैग्नेशियम की पर्याप्त मात्रा होती है.
तरबूज में पानी की मात्रा 98 फीसदी होती है और कैलोरी भी भरपूर होती है. इसमें स्रिटुलाइन नामक अमीनो अम्ल की अत्यधिक मात्रा पाई जाती है जो शरीर में अन्य अमीनो अम्ल अर्जीनाइन के उत्पादन के लिए उपयोगी होती है. अर्जीनाइन शरीर से अमोनिया हटाने के लिए चलने वाले यूरिया चक्र के लिए उपयोगी होता है.
शरीर को कई बीमारियों से बचाने वाले थाइमिन और मैग्नेशियम भी इसमें प्रचुर मात्रा में होते हैं जिससे शरीर में उर्जा का उत्पादन और मांसपेशियों का क्षरण रोकने में मदद मिलती है.
यह रसीला फल गुर्दे की पथरी, कोलोन कैंसर, अस्थमा, दिल की बीमारी, र्यूमेटाइड अर्थराइटिस और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा घटाता है.